मधुबनी से आशीष झा की रिपोर्टर :
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए आगामी 3 एवं 7 नवम्बर को चुनाव होना है। इसके लिए कर्मियों को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा चुनाव कर्मियों के पारिश्रमिक निर्धारित कर खाते में भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
लेकिन अन्य जिलों की तुलना में यहां कम पारिश्रमिक निर्धारित करने से लोगों में आक्रोश है। चुनाव कर्मियों ने जिलाधिकारी से दूसरे जिले के अनुरूप पारिश्रमिक देने की मांग की है। अन्य जिले की अपेक्षा यहां गश्तीदल व जोनल दंडाधिकारी तथा सेक्टर पदाधिकारी के पारिश्रमिक में 750 रुपये का अन्तर है, जबकि पीठासीन पदाधिकारी के पारंपरिक में 500 रुपये का अन्तर है।
प्रथम व द्वितीय मतदान पदाधिकारी के पारिश्रमिक में 325 रुपये का अन्तर है। तृतीय व चतुर्थ मतदान कर्मियों के पारिश्रमिक में 250 रुपये का अन्तर है। इसके अलावे चुनाव में लगे अन्य पदाधिकारी व कर्मियों के पारिश्रमिक भी कम निर्धारित है। इसी कारण कर्मियों में आक्रोश है। कर्मियों ने प्रशिक्षण कार्य में लगे पदाधिकारियों को अपने आक्रोश के कारण की जानकारी दी थी।
गश्तीदल दंडाधिकारी के आक्रोश का दूसरा कारण है की इन्हें इसबार मतदान सामग्रियां लेने के लिए जिला मुख्यालय की वजाय अनुमंडल मुख्यालय भेजा जा रहा है। विदित हो कि लोकसभा चुनाव 2019 में भी तत्कालीन जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने चुनाव कर्मियों का पारिश्रमिक अन्य जिले की तुलना में कम निर्धारित किया था। चुनाव कर्मियों की शिकायत पर बाद में पुनः बकायी राशि का भुगतान किया गया था।