विशेष संवाददाता। औरंगाबाद। दक्षिण बिहार की जीवन रेखा मानी जाने वाले औरंगाबाद-पटना राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 139 को फोरलेन करने की मांग को लेकर वर्षों से उठती रही आवाज अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसके समाधान का स्पष्ट आश्वासन दिया। यह मौका था नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित संवाद व डिनर का, जहां देशभर से चुनिंदा संपादकों को आमंत्रित किया गया था।
कार्यक्रम के दौरान नवबिहार टाइम्स के प्रधान संपादक कमल किशोर ने श्री गडकरी का ध्यान एनएच-139 को फोर लेन करने, तत्काल उसकी जर्जर स्थिति और इस सड़क पर वाहनों के बढ़ते दबाव की ओर आकर्षित किया। कमल किशोर ने कहा कि यह राजमार्ग न केवल बिहार के अरवल और औरंगाबाद जिलों को बल्कि झारखंड के पलामू, लातेहार, रांची और छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों सहित कुल पांच राज्यों की करोड़ों की आबादी को राजधानी पटना से जोड़ता है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस मार्ग से प्रतिदिन लगभग 18 से 19 हजार यात्री वाहन गुजरते हैं, जबकि फोरलेन की मानक सीमा 15 हजार वाहनों की है। ऐसी रिपोर्ट जिला प्रशासन की ओर से सरकार को भेजी गयी है। उन्होंने मंत्री को यह भी अवगत कराया कि सड़क की चौड़ाई कम होने के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं और यात्रियों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है। यह न केवल यातायात की दृष्टि से बल्कि क्षेत्रीय विकास और आर्थिक गतिविधियों के लिए भी बड़ा संकट बना हुआ है।
श्री गडकरी ने पूरी गंभीरता से बातचीत को सुना और भरोसा दिलाया कि औरंगाबाद- पटना सड़क एनएच-139 को फोरलेन किए जाने के मसले का शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा उनके संज्ञान में है और वे जल्द ही इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई करेंगे। इस संबंध में औरंगाबाद से चार बार सांसद रहे सुशील कुमार सिंह ने भी लगातार उनका ध्यान आकृष्ट कराया है। नई दिल्ली में देश के चुनिंदा संपादकों के साथ संवाद कार्यक्रम में बिहार और झारखंड के लाखों लोगों की समस्या को उजागर करने की कमल किशोर की इस पहल को स्थानीय लोगों ने सराहा है। यह उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार अब इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी और वर्षों से लंबित पड़ी इस महत्वपूर्ण सड़क परियोजना को गति मिलेगी।
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