- पठारी क्षेत्र के एससी/एसटी किसानों को मछली पालन पर 80 प्रतिशत अनुदान
- पठारी क्षेत्र में तालाब निर्माण के लिए अनुसूचित जाति/जनजाति के किसान 31 अगस्त तक कर सकते हैं आवेदन
● यह योजना दक्षिणी बिहार के चिन्हित पठार बाहुल्य बांका, औरंगाबाद, गया कैमूर, नवादा, जमुई, मुंगेर एवं रोहतास जिले के लिए है।
● इसका लाभ लेने के लिए लाभुक के पास निजी या लीज पर भूमि का होना आवश्यक है।
● लाभार्थी का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में बनी चयन समिति के द्वारा किया जाएगा।
पटना, 4 जुलाई।
बिहार सरकार ने पठारी क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) के किसानों के लिए तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन की योजना शुरू की है। इस योजना का लाभ दक्षिणी बिहार के आठ पठार बाहुल्य जिलों यथा बांका, औरंगाबाद, गया, कैमूर, नवादा, जमुई, मुंगेर और रोहतास में रहने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति के मत्स्य कृषकों को मिलेगा।
योजना का लाभ उठाने के लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। योजना के तहत 0.4 से 1 एकड़ तक के तालाब निर्माण के लिए प्रति एकड़ 16.70 लाख रूपये की लागत पर 80 प्रतिशत दी जाएगी। इसमें तालाब निर्माण, ट्यूबवेल, सोलर पंप, उन्नत इनपुट और तालाब पर शेड का निर्माण शामिल है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास निजी या न्यूनतम 9 वर्ष के लीज पर भूमि होना जरूरी है। निजी भूमि के लिए भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या हाल का मालगुजारी रसीद, और लीज के मामले में 1,000 रूपये के नन-ज्यूडिशियल स्टांप पर एकरारनामा जमा करना होगा।
आवेदकों कों जाति प्रमाण पत्र, प्रशि़क्षण प्रमाण पत्र, आधार कार्ड,राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, जमीन का नक्शा, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण और आईएफएससी कोड के साथ आवेदन करना होगा। लाभार्थी का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता वाली चयन समिति द्वारा किया जाएगा।
आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 है। योजना की विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाइट https://state .bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html पर उपलब्ध है। बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की यह योजना पठारी क्षेत्र के एससी/एसटी किसानों के लिए आर्थिक उन्नति का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगी।