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कालाजार उन्मूलन को लेकर विभागीय सक्रियता बरकरार,रोग संबंधी मामला मिलने के बाद प्रभावित गांव पहुंचे स्वास्थ्य अधिकारी



  • कालाजार उन्मूलन को लेकर विभागीय सक्रियता बरकरार
  • रोग संबंधी मामला मिलने के बाद प्रभावित गांव पहुंचे स्वास्थ्य अधिकारी
  • जन भागीदारी व जागरूकता के दम पर कालाजार को मात देने की है मुहिम 

अररिया, 26 फरवरी ।  

Son of Simanchal Gyan Mishra 

जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम लगातार प्रगति कर रहा है। हाल के वर्षों में जिले में कालाजार के मामलों में काफी गिरावट आयी है। वर्ष 2007 में जहां जिले में कालाजार के 3937 मामले मिले थे। वहीं इस वर्ष अब तक कालाजार के महज तीन मामले मिले हैं। बावजूद इसके जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर विभागीय सक्रियता बरकरार है। जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम अब एक मुहिम का रूप ले चुका है। जिले के वैसे इलाके जहां हाल के वर्षों में कालाजार के मामले सामने आये हैं। उन इलाकों में साल में दो बार आइआरएस का छिड़काव व साथ सघन रोगी खोज अभियान के साथ-साथ रोग से बचाव संबंधी उपायों के प्रति जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विशेष अभियान संचालित है। 




इसी कड़ी में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह के निर्देश पर रेफरल अस्पताल रानीगंज के प्रभारी पदाधिकारी रोहित कुमार झा द्वारा प्रखंड अंतर्गत वैसे इलाकों का गहन निरीक्षण किया गया। जहां हाल के दिनों में कालाजार के मामले मिले हैं। 

रोग नियंत्रण संबंधी उपायों का प्रभावी क्रियान्वयन जरूरी 

रानीगंज रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रोहित कुमार झा ने बताया कि रानीगंज प्रखंड के बिस्टोरिया पंचायत अंतर्गत डुमरिया व परसाहाट में हाल के दिनों में कालाजार के मरीज मिलने के बाद प्रभावित गांव का निरीक्षण किया गया। रोग संबंधी मामला सत्यापित होने के बाद दोनों मरीज का सफलता पूर्वक इलाज संपन्न हो चुका है। रोगी के घर के आसपास करीब 250 मीटर रेडियस में फोकल स्प्रे कराया गया है। कालाजार को मात दे चुके दोनों रोगियों की स्वास्थ्य जांच कर स्थानीय लोगों को रोग के कारण व इससे बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक किया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में कालाजार का प्रकोप बेहद सीमित हो चुका है। निरीक्षण किये गये दोनों गांवों में मिले कालाजार मरीज कहीं बाहर से रोगग्रस्त होकर अपने गांव लौटे थे। समुचित इलाज के उपरांत दोनों मरीज पूरी तरह ठीक हैं। 

रोग पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर विभाग गंभीर 

बीएचएम प्रेरणा रानी वर्मा ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में कालाजार संबंधी मामलों को प्रभावी तौर पर नियंत्रित करने के लिये स्वास्थ्य विभाग बेहद सक्रिय व गंभीर है। जिले का रानीगंज प्रखंड कभी कभी कालाजार प्रभावित अतिसंवेदनशील प्रखंडों की सूची में शामिल था। लेकिन हाल के वर्षों में इसमें काफी कमी आयी है। रोग नियंत्रण संबंधी उपायों का प्रभावी क्रियान्वयन, जन भागीदारी व जागरूकता के दम पर प्रखंड को पूरी तरह कालाजार मुक्त बनाने का हमारा प्रयास सतत जारी है। 

प्रखंड क्षेत्र में कालाजार के मामलों में आयी है अप्रत्याशित कमी 

वीबीडीसी पंकज कुमार ने बताया कि रानीगंज प्रखंड का बिस्टोरिया व परसाहाट पंचायत कभी कालाजार संबंधी मामलों को लेकर हॉटस्पॉट जोन हुआ करता था। लेकिन हाल के वर्षों में यहां कालाजार संबंधी मामलों में काफी कमी आयी है। इस वर्ष दोनों पंचायत से कालाजार के एक-एक मरीज मिलने के बाद संबंधित गांवों में कालाजार संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से विशेष सतर्कता बरती जा रही है। 




प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के स्तर से रोग नियंत्रण को लेकर किये गये विभागीय पहल की मॉनीटरिंग की जा रही है। 

जिले में लगभग खत्म होने की स्थिति में है कालाजार 

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कालाजार लगभग खत्म होने की स्थिति में है। जिले में नियमित अंतराल पर संचालित आइआरएस का छिड़काव व सघन रोगी खोज अभियान के साथ कालाजार संबंधी मामलों को लेकर विभागीय सक्रियता के कारण जिले में कालाजार के मामले बेहद सीमित हो चुके हैं। आलम ये है कि वर्ष 2022 में जहां जिले में वीएल के 17 व पीकेडीएल के 05 मरीज मिले थे। वहीं वर्ष 2023 में वीएल के 05 व पीकेडीएल के 01 मरीज मिले। वर्ष 2024 में अब तक महज 03 मरीज मिलने की जानकारी उन्होंने दी।