- नाइट ब्लड सर्वे- सात हजार लोगों की जांच में मिले महज दो फाइलेरिया मरीज
- कालाजार की तर्ज पर बहुत जल्द फाइलेरिया से भी मुक्त होने की राह पर अररिया
अररिया, 12 जुलाई ।
Son of Simanchal Gyan Mishra
जिले में फइलेरिया के संभावित मरीजों की खोज को लेकर संचालित नाइट ब्लड सर्वे पूरी तरह सफल साबित हुआ। बीते 15 जून से 03 जुलाई के बीच जिले के सभी नौ प्रखंडों में संचालित अभियान के क्रम में निर्धारित लक्ष्य की तुलना में अधिक लोगों का रक्त सैंपल जरूरी जांच के लिये संग्रह किया गया। रक्त नमूनों की जांच में रानीगंज प्रखंड के धामा पंचायत से फाइलेरिया के दो मरीज मिले हैं। गौरतलब है कि सर्वे को लेकर अररिया व फारबिसंज नगर परिषद क्षेत्र सहित जिले के सभी प्रखंडों में दो-दो सत्र स्थल का चयन किया गया था। सत्र वार जांच के लिये 300 लोगों के रक्त नमूनों के संग्रह का लक्ष्य था। इस तरह अभियान के क्रम में जांच के लिये 6600 लोगों का रक्त संग्रह किया जाना था। इस क्रम में 6823 लेागों को रक्त सैंपल जांच के लिये संग्रह किया गया।
सर्वे के लिये कुल 22 स्थानों पर बनाये गये थे सत्र -
फाइलेरिया के संभावित मरीजों को चिह्नित करने के उद्देश्य से जिले में कुल 22 सेशन सत्र बनाये गये थे। जहां प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन व वीबीडीसी सहित अन्य विभागीय कर्मियों की देखरेख में रात साढ़े आठ बजे से लेकर 12 बजे के बीच जांच के लिये लोगों का रक्त संग्रह किया गया। जानकारी देते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी रात के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं। इसलिये फाइलेरिया रोग की पहचान के लिहाज से नाइट ब्लड सर्वे खासा महत्व रखता है। जिले में संचालित अभियान बेहद सफल साबित हुआ। सर्वे के नतीजे भी संतोषप्रद हैं। इसके लिये अभियान से जुड़े तमाम अधिकारी व कर्मी बधाई के पात्र हैं।
कालाजार की तरह जल्द फाइलेरिया से मुक्त होगा
अररिया-जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने सर्वे के नतीजों पर संतोष जाहिर करते हुए बताया कि सर्वे के क्रम में निर्धारित किसी भी साइट पर जांच के क्रम में 01 प्रतिशत भी फाइलेरिया के मरीज मिलते तो ये माना जाता कि उस इलाके में फाइलेरिया का प्रसार है। जिले के सभी 22 सेशन साइट में महज रानीगंज के धामा पंचायत में ही फाइलेरिया के दो मरीज मिले जो निर्धारित एक फीसदी से कम है। लिहाजा अररिया को वैसे जिलों की सूची में शामिल किया जा सकता जो फाइलेरिया मुक्त किये जाने के तहत प्रक्रियारत हैं। इसमें अभी दो से तीन साल का वक्त लग सकता है। फिलहाल रैंडम जांच के लिये स्लाइड पटना भेजा जा रहा है। सर्वे के नतीजे से जाहिर है कि अब तक जिले में संचालित एमडीए कार्यक्रम बेहद सफल साबित हुआ है। आगामी अगस्त माह में संचालित होने वाले इस अभियान की सफलता के प्रयासों में हम अभी से जुटे हैं।