पटना। बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो रेल परियोजना तेजी से आकार ले रही है। लंबे इंतजार के बाद अब शहर के लोगों को मेट्रो सेवा की शुरुआत का सपना साकार होता नजर आ रहा है। पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत कॉरिडोर-2 की अंतिम सुरंग (टनल) की खुदाई का कार्य मोइनुल हक स्टेडियम के दूसरे छोर पर बने शॉफ्ट से शुरू हो गया है।
यह सुरंग, पटना मेट्रो के अंडरग्राउंड सेक्शन का आखिरी हिस्सा है, जिसे पूरा करने के बाद कॉरिडोर-2 तैयार हो जाएगा।
सबसे पहले कहां से कहां तक चलेगी मेट्रो?
पटना मेट्रो की पहली सेवा पाटलिपुत्र बस टर्मिनल से मलाही पकड़ी के बीच शुरू होगी। इस रूट पर कुल 5 स्टेशन होंगे। हालांकि, प्रारंभिक चरण में खेमनीचक स्टेशन पर मेट्रो नहीं रुकेगी क्योंकि वहां का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हो पाया है।
अब तक कहां-कहां बन चुकी है सुरंग?
- कॉरिडोर-2 के तहत सुरंग निर्माण कार्य तीन प्रमुख हिस्सों में बांटा गया है:
- मोइनुल हक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक 1480 मीटर की सुरंग बनकर पूरी हो चुकी है।
- गांधी मैदान से आकाशवाणी होते हुए पटना जंक्शन तक 1450 मीटर सुरंग निर्माण पूरा।
- पटना विश्वविद्यालय से पीएमसीएच और गांधी मैदान तक 2302 मीटर सुरंग निर्माण कार्य प्रगति पर है।
- मोइनुल हक स्टेडियम से राजेंद्र नगर होते हुए मलाही पकड़ी तक 1800 मीटर की सुरंग का कार्य शुरू हो चुका है। इन सभी टनलों के पूरा होते ही कॉरिडोर-2 की भूमिगत लाइन पूरी तरह तैयार हो जाएगी।
कितने अंडरग्राउंड स्टेशन होंगे?
कॉरिडोर-2 में कुल 7 भूमिगत मेट्रो स्टेशन होंगे: राजेंद्र नगर, मोइनुल हक स्टेडियम, पटना विश्वविद्यालय, पीएमसीएच, गांधी मैदान, आकाशवाणी और पटना जंक्शन..इनमें से पटना जंक्शन को इंटरचेंज स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां कॉरिडोर-1 और कॉरिडोर-2 एक-दूसरे से जुड़ेंगे।
कॉरिडोर-1 की स्थिति क्या है?
कॉरिडोर-1 के रूट में रुकनपुरा, राजाबाजार, पटना जू, विकास भवन, बिजली भवन और पटना जंक्शन जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं। हाल ही में सुरंग खुदाई कार्य शुरू करने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है और काम शीघ्र शुरू होने की उम्मीद है।
टीबीएम से हो रही सुरंग की खुदाई
पटना मेट्रो की भूमिगत सुरंगों की खुदाई के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस टनल बोरिंग मशीन (TBM) का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मशीन का नाम 'महावीर' रखा गया है। यह मशीन लगभग 60 अफ्रीकी हाथियों के बराबर यानी करीब 420 टन वजनी है। टीबीएम प्रतिदिन औसतन 10 मीटर तक खुदाई करने में सक्षम है। यह मशीन दिशा-निर्देशन प्रणाली से लैस है और इसकी मदद से जमीन के नीचे सुरंग की खुदाई बिना सतह पर किसी विघ्न के की जा रही है। ऊपर सामान्य यातायात चलता रहता है, जबकि नीचे सुरंग बनाई जाती है।
मुख्यमंत्री की मेट्रो को लेकर प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में मेट्रो प्रोजेक्ट को उच्च प्राथमिकता देते हुए कहा था कि पटना के ट्रैफिक बोझ को कम करने और भविष्य के लिए स्मार्ट सिटी की नींव रखने में मेट्रो रेल सेवा मील का पत्थर साबित होगी। पटना मेट्रो का पहला रूट जल्द ही जनता के लिए चालू होने की तैयारी में है। सुरंग निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और भूमिगत स्टेशनों का भी तेजी से निर्माण चल रहा है। उम्मीद की जा रही है कि 2026 की शुरुआत तक पटना की जनता मेट्रो सेवा का लाभ उठा सकेगी।