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खाजेडीह में होती है 45 वर्षों से पूजा।



मधुबनी - लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट

लदनियां के खाजेडीह स्थित वैष्णवी दुर्गा मंदिर में पूजा करानेवाले पंडित का आचार्य होना लाजिमी होता है। मंदिर के 45 वर्षों का इतिहास इसका सद्यः साक्ष्य है। इसकी जानकारी कमेटी के सचिव अवकाशप्राप्त लब्धप्रतिष्ठ शिक्षक नागेन्द्र नाथ झा ने दी। कहा स्तोत्रों की सम्यक जानकारी और उसकी प्रस्तुति आचार्य को होती है। इसीलिए यहां की पूजा आचार्य के जिम्मे होती है। मूर्तियों के खर्चे प्रतिवर्ष अलग-अलग श्रद्धालु वहन करते हैं ।किसके खर्चे कब लिए जाएंगे, इसकी जानकारी पाइपलाइन में पूर्व से संचित सूची से प्राप्त होती है; क्योंकि ऐसे दाताओं की यहां लम्बी फेहरिस्त है। इस सूची की लम्बाई निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है।


यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई है। शारदीय नवरात्र अनुष्ठान के बीच सुबह-शाम पूजाअर्चना करनेवाली कन्या व महिलाओं की बड़ी संख्या पहुंचती है और दीपयज्ञ करती हैं। मनोकामना मंदिर के रूप में प्रतिष्ठापित इस मंदिर में दस दिनों तक वांछित फल पाने वालों की ओर से कमेटी की देखरख में अलग-अलग सुन्दर सुस्वादु व्यंजन का वितरण प्रसाद स्वरूप किया जाता है। 


कमेटी के सचिव अवकाश प्राप्त शिक्षक नागेन्द्र नाथ झा ने कहा कि यहां सरकारी गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए सभी कार्यक्रमों का शांतिपूर्ण निष्पादन होता है। पूजा स्थल व मेले की निगरानी के लिए स्वयं सेवकदल का गठन किया गया है। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की गई है।

जानकारी कमेटी के अध्यक्ष अवकाशप्राप्त शिक्षक बौकू राय, सचिव अवकाशप्राप्त शिक्षक नागेन्द्र नाथ झा, उपसचिव शोभित कामत, कोषाध्यक्ष रामएकबाल चौधरी, सहयोगी सदस्य दशई चौधरी, देवकांत कामत, चन्द्रकिशोर कामत, नागेन्द्र कुमार यादव, शंकर प्रसाद यादव, झिंगुर कामत, गौरीशंकर कामत आदि ने कहा कि यहां सामाजिक सौहार्द के बीच शांतिपूर्ण पूजा होती आ रही है।