मधुबनी - लदनियां से हरिश्चंद्र यादव की रिपोर्ट :
कथा व उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की 141वीं जयन्ती खाजेडीह स्थित एसएमजे डिग्री कॉलेज के सभागार में सिद्दत से मनाई गई। प्राचार्य डॉ जगदीश प्रसाद की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे अवकाशप्राप्त अभियंता अचिन्द्रलाल सिंह ने कहा कि शोषित, पीड़ित व वंचितों की वकालत करने वाले महान कथा शिल्पी प्रेमचंद को याद करने का ही दिन नहीं है, बल्कि उनकी बातों को महसूस कर जीवन में उतारने की जरूरत है। प्रो. हरिश्चन्द्र यादव ने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी रचनाएं अहम साबित हो रही हैं। डॉ. रामदयाल यादव ने कहा कि उनकी सभी रचनाओं में कालजयिता है। प्राचार्य डॉ. जगदीश प्रसाद ने कहा कि विदेशी साम्राज्यवादी व देशी पूंजीवादी मौजूदा व्यवस्था पर प्रहार करने की जरूरत है। प्रो. राममूर्ति महतो ने कहा कि सामाजिक विद्रूपता को दूर करने के लिए संकल्पित होने की जरूरत है। प्रो. लुचाई सिंह ने कहा कि प्रेमचंद ने शोषण- विहीन आजाद भारत की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास निर्भीकता पूर्वक किया था। मौके पर प्रो. विष्णु देव सिंह, प्रो. कामानंद सिह, प्रो. कृष्ण देव राय, प्रो. लेश कुमार, अशोक कुमार आदि थे।