- बारिश व बाढ़ के दिनों में प्रसव संबंधी मामलों का निष्पादन होगा आसान
- जिले में प्रसव सेवा को विस्तारित व बेहतर बनाने का हो रहा प्रयास
अररिया, 05 मई । सन ऑफ सीमांचल ज्ञान मिश्रा
जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने का प्रयास जारी है। इसी क्रम में प्रसव संबंधी सेवाओं को विस्तारित करते हुए इसे बेहतर बनाने की कवायद जारी है। इसके लिये सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में अवस्थित चिकित्सा केंद्रों पर प्रसव सेवाएं बहाल की जा रही हैं। ताकि इलाके के लोग सहज तरीके से इन सेवाओं का लाभ उठा सकें।
मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की हो रही पहल :
इस क्रम में एसीएमओ डॉ राजेश कुमार ने बताया कि जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाना विभागीय प्राथमिकताओं में शुमार है। जिला प्रशासन से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में इस दिशा में कारगर कोशिशें की जा रही है। ताकि लोगों को समय पर जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिये संस्थागत प्रसव जरूरी है। सरकार द्वारा इसे लेकर विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। संस्थागत प्रसव के प्रति आम लोगों को प्रेरित व जागरूक किया जा रहा है।
जरूरी सेवाओं की उपलब्धता स्थानीय लोगों के लिये सुविधाजनक :
सिकटी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीव बसाक ने बताया कि सिकटी प्रखंड का इलाका हमेशा से बाढ़ प्रभावित रहा है। बारिश के दिनों में नदियों के जलस्तर बढ़ने व जलजमाव की वजह से जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच सीमित हो जाती है। स्थानीय स्तर पर जरूरी सेवाओं की उपलब्धता लोगों के लिये सुविधाजनक साबित होगी। जहां प्रशिक्षित व अनुभवी कर्मियों की देखरेख में प्रसव मामलों का निपटारा किया जायेगा। साथ ही लोगों को अन्य जरूरी सेवाओं का लाभ भी आसानी से प्राप्त हो सकेगा।
सभी सेंटरों पर प्रशिक्षित कर्मी व जरूरी संसाधन उपलब्ध :
स्वास्थ्य प्रबंधक संदीप कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रखंड के एचडब्ल्यूसी बरदाहा, भूतहा, पोठिया में पूर्व से ही प्रसव सेवा संचालित किया जा रहा था। हाल के दिनों में एचडल्यूसी तीरा, डैनिया, सुहागमाडो, मसूंडा में इसे विस्तारित किया गया है।