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कायाकल्प योजना से बदल रही है सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की तस्वीर




  • सिकटी सीएचसी को जल्द कायाकल्प प्रमाणीकरण प्राप्त होने की उम्मीद                 
  • सरकारी अस्पतालों में आम लोगों को बेहतर व गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करना कायाकल्प का उद्देश्य                         
अररिया, 28 फरवरी ।
SON OF SIMANCHAL, GYAN MISHRA

जिले के सुदूरवर्ती इलाकों के स्वास्थ्य संस्थानों की तस्वीर बदल रही है। पहले जहां जर्जर टूटे भवन, जगह-जगह फैली गंदगी व हर तरफ अव्यस्थित नजारा सरकारी अस्तपालों की पहचान हुआ करती थी। वहीं सरकार द्वारा संचालित कायाकल्प योजना से अस्पतालों को नया स्वरूप दिया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकटी इसका ताजा उदाहरण है। हर साल बाढ़ की गंभीर वीभिषिका झेलने वाला जिले का सिकटी प्रखंड शिक्षा, रोजगार सहित जीवनोपयोगी अन्य मूलभूत सुविधाओं से वर्षों से महफूज रहा है। 



इस पिछड़े इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी का प्रयास लगभग डेढ़ साल पहले शुरू हुआ था। जो आज निर्णायक मुकाम तक पहुंच चुका है। कायाकल्प मूल्यांकन के लिये राज्य स्तरीय टीम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का मुआयना व निरीक्षण कर चुकी है। जल्द ही सीएचसी सिकटी को कायाकल्प प्रमाणीकरण हासिल हो जायेगा। जो जिले के अन्य सरकारी संस्थानों के लिये एक नजीर बन कर उभरेगा। 

सामुहिक प्रयास से हम एक शानदार उपलब्धि के करीब :

सिकटी सीएचसी के लिये ये उपलब्धि बेहद चुनौतीपूर्ण थी। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी राजीव बसाक बताते हैं कि सामूहिक सहयोग व समन्वय से हम एक बेहतर उपलब्धि के बेहद करीब हैं। इसके लिये हर स्तर पर कर्मियों ने बेहतरी का हर संभव प्रयास किया है। स्वास्थ्य प्रबंधक संदीप कुमार बताते हैं कि अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव था। भौतिक संसाधनों की कमी थी। 



प्रशिक्षित कर्मी नहीं थे। अस्पताल भवन टूटे व जर्जर हालात में थे। ऐसे मुश्किल हालात में कायाकल्प प्रमाणीकरण को लेकर प्रयास शुरू किया गया। विभाग के आला अधिकारियों का मार्गदर्शन, यूनिसेफ के आरपीएम नजमुल हौदा सहित केयर इंडिया की डीटीओएफ डोली वर्मा व उनकी पूरी टीम के जरिये समय समय पर महत्वपूर्ण सुझाव व मार्गदर्शन मिलता रहा। इससे चीजें लगातार बदलती गयी। नतीजतन हम निर्धारित लक्ष्य के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। 

कायाकल्प के तहत अस्पताल में 50 सुविधाओं का होता है सर्वे :

डीपीएम स्वास्थ्य ने बताया कि कायाकल्प योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी अस्पतालों में स्वच्छता व सुविधाओं को बढ़ावा देना है। इसके लिये 50 मानक निर्धारित किये गये हैं। कायाकल्प के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम इन सुविधाओं का सर्वे करते हुए बेहतर परफार्मेंस के आधार पर निर्णय लेती है। निर्धारित सुविधाओं में मुख्य रूप से अस्पताल में साफ-सफाई का इंतजाम, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, रजिस्ट्रेशन काउंटर, हॉस्पिटल इंफेक्शन प्रिवेंशन मैनेजमेंट रिकार्ड कीपिंग, मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूसन, मरीज व स्टाफ के बीच परस्पर व्यवहार, सर्पोट सर्विस सहित अन्य शामिल हैं। 

गुणवत्ता के साथ बेहतर सेवा देना कार्यक्रम का उद्देश्य :

सिविल सर्जन विधानचंद्र सिंह ने बताया कि कायाकल्प योजना का मुख्य रूप से सरकारी अस्पतालों में आम लोगों को बेहतर व गुणवत्तापूर्ण सेवा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। जिले के सभी अस्पतालों को इससे जोड़ते हुए बेहतर माहौल के साथ गुणवत्ता सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। 



अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज व भरगामा व रानीगंज पीएचसी में इसे लेकर कार्य शुरू हो चुका है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में रोगियों के बेहतर इलाज के लिये जरूरी सुविधा, प्रशिक्षित कर्मी के साथ-साथ बेहतर माहौल का होना जरूरी है। ताकि अस्पताल में भर्ती मरीजों को एक स्वस्थ्य व सुंदर माहौल मिल सके। उन्हें अच्छा एहसास दिया जा सके। जो मरीजों के जल्द स्वस्थ होने के लिहाज से भी उपयोगी है।