न्यूज़ डेस्क। कई लोग भीख मांगते हुए भारत में आपको दिख जाएंगे। कोई मंदिर के बाहर तो कोई रेलवे स्टेशन पर भीख मांगता है। भिखारी को भीख न देना पड़े कई लोग इसलिए बहाना बना लेते हैं कि छुट्टे पैसे उनके पास नहीं हैं या कह देते हैं कि अभी पैसे ही मेरे पास नहीं हैं।
ऐसा कहकर अगर आप भी बच जाते हैं, तो सावधान हो जाइए। ऐसा नहीं अब आप बोल सकते हैं, क्योंकि अब ऑनलाइन पेमेंट का ऑप्शन भी भिखारी के पास मौजूद है।
इसी तरह इन दिनों बिहार के बेतिया का रहने वाला एक भिखारी चर्चा का विषय बना हुआ है जिसका नाम राजू पटेल है। अब छुट्टे पैसे नहीं होने का बहाना नहीं चलेगा। राजू पटेल फोन पे और गूगल पे पर भीख लेता है। जी हां अब आपको रेलवे स्टेशन या दूसरी जगहों पर डिजिटल भिखारी भी मिल सकते हैं। भिखारी राजू पटेल ऑनलाइन पेमेंट भी लेता है।
आइए जानते हैं इस डिजिटल भिखारी के बारे में...
अगर पैसे मांगने पर कोई कहता है कि छुट्टे पैसे नहीं हैं तो राजू बोलता है कि फोन पे दो, गूगल पे कर दो। कहा जा रहा है कि राजू बिहार का पहला डिजिटल भिखारी है। राजू भी खुद को देश का पहला हाईटेक भिखारी बताता है। बेतिया रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने वाले राजू की पहचान दूर से ही हो जाती है, क्योंकि उसके गले में 'QR CODE' की तख्ती हमेशा लटकी रहती है और वह हाथ में टैब भी रखता है।
इधर कुछ दिनों से स्टेशन पर लोग भीख मांगने पर छुट्टे नहीं है कहकर पैसे देने से मना कर देते थे, तो ऐसे में उसे पैसे मिलने बंद हो गए। बताया जाता है कि बिहार के बेतिया का रहने वाला अनोखा भिखारी बचपन से ही भीख मांगता है।
राजू अपने आप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भक्त बताता है। वह प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया से बहुत प्रभावित है। इसके बाद राजू को डिजिटली भीख मांगने का आइडिया दिमाग में आया। उसने पैन कार्ड बनवाया और बैंक में खाता खुलवा लिया। इसके बाद डिजिटली भीख मांगना शुरू कर दिया। अब उसकी अच्छी कमाई होने लगी है।


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