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सी.आर.सी. पटना ने उत्साहपूर्वक मनाया अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस (आईडीपीडी) 2024





समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र (सी.आर.सी.) पटना ने 2 दिसंबर से 6 दिसंबर, 2024 तक अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस (आईडीपीडी) के उपलक्ष्य में एक भव्य और प्रेरणादायक पांच दिवसीय समारोह का आयोजन किया। इस वर्ष के आयोजन का विषय "समावेशी एवं स्थाई भविष्य के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना" था।




कार्यक्रम का शुभारंभ 3 दिसंबर, 2024 को डॉ. ललित नारायण, निदेशक, एन.आई.एल.डी. कोलकाता और सी.आर.सी. पटना की निदेशक श्रीमती प्रियदर्शिनी के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दिव्यांगजन पद यात्रा से हुई, जिसका नेतृत्व राष्ट्रीय और राज्य स्तर के दिव्यांग खिलाड़ी नेहा कुमारी, अंकित कुमार, सौम्या श्रेया और कुमारी अनिशा ने किया एवं इस पदयात्रा को निदेशक महोदया जी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पदयात्रा में संस्थान के सभी अधिकारी एवं पुनर्वास विषेशज्ञों ने सहभाग लिया।




पांच दिवसीय समारोह के दौरान विविध गतिविधियों का आयोजन किया जाना सुनिश्चित किया, जिनका उद्देश्य दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और नेतृत्व क्षमता को प्रोत्साहित करना है।




  • कार्यक्रम के प्रथम दिन अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन थीम पर प्रेरणादायक पोस्टर तैयार किए गए।
  • दूसरे दिन ऊर्जा पार्क में दिव्यांगजनों ने नेतृत्व क्षमता और सामुदायिक सहयोग को दर्शाते हुए नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया।
  • तीसरे दिन प्रतिभागियों ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए कला और हस्तशिल्प की कार्यशालाओं में भाग लेंगे।
  • चौथे दिन दिव्यांगजनों के बीच विभिन्न खेलों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
  • सप्ताह के अंतिम दिन दिव्यांगजन उपकरण वितरण, वयोश्री उपकरण वितरण, दिव्यांगजनों की हस्तनिर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियां आयोजित की जाएगी।




सी.आर.सी. पटना की निदेशक श्रीमती प्रियदर्शिनी ने इस अवसर पर कहा कि, "अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस" न केवल दिव्यांगजनों की उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि यह समाज को यह याद दिलाने का अवसर भी है कि उनकी क्षमता और योग्यता को मान्यता दी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि समावेशी और स्थाई भविष्य के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना जैसे विषयों का चुनाव आज के समय में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समाज को समावेशिता और समानता के प्रति संवेदनशील बनाने में मदद करता है। 





उन्होंने जोर देकर कहा, "दिव्यांग व्यक्ति केवल लाभार्थी नहीं हैं; वे सशक्त नेता, प्रेरणास्त्रोत और समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं। हमें उनके लिए अधिक अवसर सृजित करने चाहिए ताकि वे न केवल अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग कर सकें, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरित कर सकें।"




उन्होंने यह भी बताया कि ऐसी गतिविधियां न केवल दिव्यांगजनों में आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल विकसित करती हैं, बल्कि समाज में जागरूकता बढ़ाने और पूर्वाग्रह को कम करने का माध्यम भी बनती हैं। इस तरह के आयोजनों से यह संदेश जाता है कि एक स्थाई और समावेशी भविष्य तभी संभव है, जब समाज के हर वर्ग को समान रूप से भागीदारी का अवसर मिले।








इस कार्यक्रम को मनाने का उद्देश्य दिव्यांगजनो को शैक्षिक, सामाजिक व आर्थिक स्तर पर आत्म निर्भर बनाने के साथ-साथ समाज में समान अवसर एवं सहभागिता आदि के बारे में जागरूकता प्रदान करना साथ ही इस वर्ष के विषय समावेशी एवं स्थाई भविष्य के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना, हेतु दिव्यांगजनों में जागरूकता उत्पन्न करना। इस कार्यक्रम से समाज में दिव्यांगजनों की भूमिका को सशक्त करते हुए उनके नेतृत्व और रचनात्मकता को मंच प्रदान करना।






सीआरसी पटना ने यह साबित किया कि सामूहिक प्रयासों और समर्पण के साथ एक समावेशी और स्थाई भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया जा सकता है। साथ ही संस्थान ने संकल्प लिया कि वह इसी प्रकार की गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा, जिससे दिव्यांगजनों को समाज में उनके अधिकार, सम्मान, और भूमिका के प्रति जागरूक किया जा सके। 





कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थान के डॉ अनिल कुमार, सहायक प्रोफेसर (नैदानिक मनोचिकित्सक), श्री राजेन्द्र कुमार प्रवीन, सहायक प्रोफेसर (विशेष शिक्षा), श्री सूर्यकांता बेहरा, प्रशासनिक पदाधिकारी, श्री विद्या भूषण, व्याख्याता (भौतिक चिकित्सा), कार्यक्रम समन्वयक, श्री कुमार भारत भूषण, श्री शांतनु, श्रीमती चन्द्रमाला शौर्या, श्रीमती स्वर्णलता, श्री अमित कुमार, श्री लालचन्द्र, श्री प्रदीप कुमार सिंह आदि संस्थान के कर्मचारीगण कार्यक्रम को सफर बनाने में उपस्थित रहे।

(प्रियदर्शिनी)
   निदेशक