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पैक्सों को है धान खरीद के आदेश की प्रतीक्षा


 मधुबनी - लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट :

मधुबनी जिले के किसान अक्सर एक फसल को बेचकर दूसरी फसल लगाते हैं। सम्प्रति वे धान बेचकर रबी की खेती करना चाहते हैं। खाद, बीज, जुताई व सिंचाई में पूंजी की जरूरत होती है। किसान विगत 1 नवम्बर से धान बेचने के लिए पैक्स अध्यक्षों के सम्पर्क में हैं, लेकिन अभी तक सरकारी पैक्सों में धान खरीद की शुरुआत नहीं हो सकी है। लोग मानक सरकारी मूल्य 1868 की जगह 1100 रुपये प्रति क्विंटल धान बेचते चले जा रहे हैं, जो इनकी आवश्यक आवश्यकता जनित मजबूरी है। पैक्सों के बाहर अभी तक किसानों के आधे धान बिक चुके हैं, जिसका लाभ बाहर से आये अन्तर्राज्यीय व्यापारियों को मिल रहा है।

 प्रखंड पैक्स अध्यक्ष रामदेव यादव ने बताया कि धान खरीद के लिए अभी तक पैक्सों के लिए टारजेट निर्धारित कर राशि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। बीसीओ रुपेश कुमार ने बताया कि पैक्सों को शीघ्र राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

किसान आदित्य कुमार ने बताया कि मंहगे खाद व बीज आधारित इस प्रकार की खेती से किसानों की रूचि घट रही है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की समृद्धि के लिए रोड मैप तैयार करती है, जिसका लाभ किसानों की जगह व्यापारियों को मिलता रहा है। पैक्सों के द्वारा धान या गेहूं तब खरीदा जाता है, जब किसान मजदूर होकर लोकल व्यापारियों के हाथों इसे बेच चुके होते हैं। यही कारण है कि पैक्सों द्वारा मिलने वाला सरकारी मानक मूल्य का लाभ किसानों की जगह व्यापारियों को मिलता है। बीसीओ रूपेश कुमार ने बताया कि धान की खरीद 1 नवम्बर से 31 मार्च तक की जाती है।