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बीज की रिकॉर्डतोड़ मंहगाई से आलू की खेती हो रही प्रभावित




 मधुबनी - लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट :

सब्जियों के बीच प्रमुखता पाते आ रहे आलू की खेती में कमी आने की संभावना बढ़ती दिख रही है, जिसका कारण बीज की रिकॉर्डतोड़ बढ़ी कीमत को माना जा रहा है। कोल्ड स्टोरेज में संरक्षित होते आ रहे इस बीज को लोग परम्परागत घरेलू बीज बनाकर उपयोग में नहीं ला पा रहे हैं।

 यही कारण है कि किसानों ने अपने खेत में उगाकर जिस आलू को सात -से- दस रूपये प्रति किलो की दर से बेचा था, आज उसी आलू को बीज के रूप में 31 से 35 रूपये प्रतिकिलो की दर से खरीदना पड़ रहा है। चाहकर भी किसान आलू की उतनी खेती करने की स्थिति में स्वयं को नहीं पा रहे हैं, जितनी खेती करते आ रहे हैं।
  किसानों के अनुसार मंहगाई की यही स्थिति रही तो आलू की खेती में पचास प्रतिशत तक की कमी आ सकती है, जिसकी संभावना बनती दिख रही है। आलू की खेती का समय सामने खड़ा है, बावजूद इसके किसी को आलू का आच्छादन करते नहीं देखा जा रहा है।

 औनेपौने दाम पर अगात किस्म के उत्पादित धान को बेचकर इतने मंहगे हो चुके आलू बीज को कैसे खरीदे। इसीलिए किसान आलू बीज के दाम में कमी आने की प्रतीक्षा में है। चुनाव के मद्देनजर जिसकी सम्भावना कम दिखती है।

 किसान आदित्य कुमार ने कहा कि मंहगाई की यही स्थिति रही तो परिवार में खपत होने लायक ही आलू उगा पाएंगे। इसके लिए सम्पूर्ण रूप से मंहगाई को जवाबदेह माना जाएगा।छ कामत, राजदेव यादव आदि थे।