प्रवीण स्मृति नाट्योत्सव 2025, प्रयागराज
प्रवीण सांस्कृतिक मंच,पटना बिहार द्वारा प्रयागराज में आयोजित प्रवीण स्मृति नाट्योत्सव 2025 के अंतर्गत आज कथाकार शिवमूर्ति की कहानी पर आधारित नाटक ‘कुच्ची का कानून’ का सशक्त मंचन किया गया। नाटक का निर्देशन बिजेन्द्र कुमार टॉक ने किया।
प्रस्तुति की शुरुआत से ही संवादों ने दर्शकों को गहराई से झकझोर दिया-
“जब मेरी भूख गांव की भूख नहीं बनती… तो मेरे किए किसी काम से पूरे गांव की नाक कैसे कट जाएगी बाबा?”
ऐसे मार्मिक सवालों ने समाज की उस सोच को कटघरे में खड़ा किया जो सदियों से स्त्री की स्वतंत्रता और उसकी इच्छा को दबाती आई है।
नाटक में विधवा कुच्ची अपनी मर्जी से मातृत्व स्वीकार करने के अधिकार के लिए पूरे गांव और पंचायत के विरोध के सामने डटकर खड़ी होती है। बिना पुनर्विवाह के गर्भ धारण करने पर उसे “अवैध” ठहराने की कोशिश की जाती है, पर कुच्ची अपने होने वाले बच्चे और अपनी कोख के हक में आवाज बुलंद करती है।
उसकी जिजीविषा, साहस और समाज की पुरुषवादी मानसिकता को चुनौती देने का रूप दर्शकों को भावुक करने के साथ सोचने पर भी मजबूर करता है।
दर्शकों ने पूरे नाटक को अत्यंत सराहा और कलाकारों की प्रस्तुति को खूब प्रशंसा मिली।
स्थान: उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज
मंच पर
कुच्ची - शाइस्ता खान
हनुमान - मनीष महिवाल
बनवारी - गौतम गुलाल
सुलक्षणी - प्रतिमा भारती
बलई बाबा - राहुल रंजन
धनई बाबा - स्पर्श मिश्रा
लक्ष्मण चौधरी - रोहित चंद्रा
रमेशर - ज़फ़र आलम
रमेशर बहु - श्रीपर्णा चक्रवर्ती
चतुरा अइया - हेमा चौधरी
सुघरा ठकुराइन/कुट्टी - अपराजिता कुमारी
समधी - सोनू कुमार
बितानू - अभिषेक राज
दलाल - प्रिंस राज
समाजी - लाल बाबू , नंदन कुमार, सोनू , आदित्य , तान्या कुमारी, प्रिंस राज
मंच परे
हारमोनियम - रोहित चंद्रा
सारंगी - अनीश मिश्रा
इफेक्ट - अभिषेक राज
प्रकाश परिकल्पना - विनय चौहान
रूप सज्जा - जितेंद्र कुमार जीतू
मंच सज्जा - उमेश शर्मा
पार्श्व ध्वनि - अनिल मिश्रा
तकनीकी विशेषज्ञ - हरिशंकर रवि
महोत्सव संयोजक - डॉ इन्द्रदीप चंद्रवंशी
परिकल्पना एवं निर्देशन - विजयेंद्र टांक




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