27 मार्च से 01 अप्रैल 2025 तक होने वाले "चैत रंग उत्सव 2025" प्रयास रंग अड्डा", होटल लेमन ट्री के सामने, एग्जिबिशन रोड, पटना में हो रही हैं। "चैत रंग उत्सव 2025" तृतीय संध्या के अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी आर. नरेन्द्र, समाजसेवी पप्पू कुमार उपाध्याय, प्रसिद्ध रंगकर्मी मिथिलेश सिंह, वरिष्ठ रंगकर्मी रवि भूषण बबलु आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया। रंगकमी दीपक आनंद ने मंच का संचालन किया।
"चैत रंग उत्सव 2025" के तृतीय संध्या के अवसर पर बिटिया रानी, पटना (बिहार) द्वारा अमरकांत लिखित एवं आज़ाद हुसैन द्वारा निर्देशित नाटक का 'जिंदगी और जोंक' मंचन किया गया। इसकी जानकारी मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार मल्लिक ने दी।
बिटिया रानी, पटना (बिहार) की नवीनतम प्रस्तुति
कथासार 'जिंदगी और जोंक'
प्रस्तुत नाटक प्रसिद्ध कहानीकार अमरकांत की कहानी 'ज़िंदगी और जोंक' पर आधारित है। रजुआ कहानी का मुख्य चरित्र है जो अनायास ही किसी मोहल्ले में आ गया है। उसका आगमन कौतूहल का विषय है। वाह व्यक्ति विशेष नहीं पूरे मोहल्ले का नौकर बन जाता है।
मौहल्ले के मध्यवर्गीय परिवार उसकी सेवा लेते हैं, लेकिन जब वह बीमार होता है, कोई उसकी ज़िम्मेदारी नहीं लेता। वह स्वयं अपनी मृत्यु की झूठी खबर फैला देता है। मध्यम वर्गीय समाज की संवेदनहीनता और लावारिस रजुआ की जीने की ललक। कहानी की पृष्ठभूमि में स्वतंत्रेतर भारत है। दोनों आयामों को लेकर रची कहानी है 'ज़िंदगी और जोंक'। अंत में यह प्रश्न है कि जोंक कौन है? रजुआ ज़िन्दगी का खून चूस रहा है या ज़िन्दगी रजुआ का खून चूस रही है जॉक कौन है 'रजुआ? या 'रजुआ की ज़िन्दगी?
पात्र परिचय (मंच पर)
विवेक कुमार
आज़ाद हुसैन
राजकुमार
मंच परे
प्रकाश : राजीव रॉय
रंग सामग्री : शाहीन मिर्जा रूप-सज्जा : मो. रिजवान
ध्वनि संचालन : राजेश कुमार (पप्पु ठाकुर)
लेखक : अमरकांत
निर्देशन - आज़ाद हुसैन