पटना। सांस्कृतिक संस्था "प्रांगण" द्वारा प्रेमचंद रंगशाला, पटना में दिनांक 2 से 6 फ़रवरी, 2025 तक 39वाँ पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। ये महोत्सव संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार तथा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा प्रायोजित है।
आज दिनांक 5 फ़रवरी को नुक्कड़ मंच पर क्रिएशन पटना की प्रस्तुति "ये दौड़ किसकी" निर्देशन गौतम कुमार। दूसरी प्रस्तुति रस रंग पटना की नाटक "असली नेता" निर्देशक राज कपूर। नुक्कड़ मंच एवं मुख्य मंच पर उद्घोषक संजय सिंह ने समां बांधे रखा।मुख्य मंच पर दर्पण, लखनऊ (उत्तर प्रदेश) की प्रस्तुति "आखिरी वसंत" (हिन्दी)
नाटककार एवं निर्देशः शुभदीप राहा
कथासार
यह एक बुजुर्ग दम्पत्ति सुधीर और गीता की कहानी है जिन्होंने अपने बेटे को उच्चतम शिक्षा दी और आशा की कि एक दिन बह बुढ़ापे में उनका सहारा बनेगा। लेकिन उनका बेटा रणदीप विदेश में बस जाता है और वहीं वंदना से शादी कर लेता है। रणदीप भारत आने को इच्छुक नहीं है क्योंकि पिता के साथ उसके गंभीर मतभेद हैं। सुधीर अब अपने बेटे को अपनी सारी संपत्ति देना चाहता है और उसके साथ अपने मतभेद भुलाना चाहता है। सुधीर किसी तरह से रणदीप और चंदना को भारत वापस लाने में कामयाब हो जाता है, लेकिन कहानी में मोड़ तब आता है जब राधू नामक एक कैदी और दोषी जेल से भाग जाता है। राघू, उनके घर में प्रवेश करता है और अराजकता के बीच सब कुछ गड़बड़ कर देता है। यह रहस्य और रोमांच पैदा करता है, जो अंत में सामने आता है। आखिरी वसंत टूटे रिश्तों के बीच के अटूट बंधन को दर्शाता है और मानवीय संवेदनाओं और व्यवहार को परत दर परत उजागर करता है। यह नाटक आज की भौतिकवादी दुनिया की सच्चाई को दर्शाता है।
मंच पर
सुधीर : अनिल रस्तोगी,
गीचा : चित्रा मोहन,
राघू : संजय देगलुकर,
रणदीप : विकास श्रीवास्तव वन्दना : अलका विवेक,
मंजीत : वंश श्रीवास्तव
नेपथ्य
पार्शय ध्वनि संयोजन : विवेक श्रीवास्तव,
पाश्र्व सहयोग : सुमित श्रीवास्तव,
प्रकाश परिकल्पना : देवाशीष मिश्र,
मंच विन्यास : मधुसूदन राव,
मंच प्रबंधक : सैयद लारिब
कल दिनांक 6 फरवरी को 39वां पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव के समापन पर भोपाल (मध्य प्रदेश) के चर्चित रंगकर्मी आनन्द मिश्रा जी के निर्देशन में नाटक "नकबेसर" एवं देश के जाने-माने निर्देशक एवं प्रांगण पटना के सचिव अभय सिन्हा के परिकल्पना एवं निर्देशन में नाटक "अतीत के वातायन" का मंचन होगा।
0 टिप्पणियाँ
if you have any doubts, please let me know.