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सीमांचल डवलपमेंट फ्रटं के महासचिव शाहजहां शाद अररिया लोक सभा से लड़ेंगे चुनाव।



  • सीमांचल डवलपमेंट फ्रटं के महासचिव शाहजहां शाद अररिया लोक सभा से लड़ेंगे चुनाव।
  • राजद, कांग्रेस और भाजपा ने सीमांचल के विकास में सौतेले व्यवहार की है:-शाहजहां शाद
फारबिसगंज (अररिया)। जनता के दबाव को देखते हुए शाहजहाँ शाद ने अररिया लोकसभा से दावेदारी पेश की, राजद व कांग्रेस ओर भाजपा ने सीमांचल के साथ सौतेला व्यवहार की है, जनता अब उनके झांसे में नहीं आयेगी। सीमांचल डवलपमेंट फ्रटं के महासचिव और सामाजिक कार्यकर्ता शाहजहाँ शाद ने अररिया जिला से लोकसभा चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषना कर दी है। इस खबर के सार्वजनिक होते ही लोगों के बीच यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। 

शाहजहाँ शाद अररिया जिला का एक जाना माना नाम है जो अपने कामों के लिए जाने जाते हैं। सभी धर्मों और समुदायों से हटकर गरीबों और असहायों की आवाज उठाने वाले और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाले शाहजहाँ शाद की पकड़ सभी वर्गों में जमीनी स्तर पर है और यही कारण है कि इस पर काफी विचार-विमर्श और जनता की दबाव को देखते शाहजहाँ शाद ने चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया, जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। बहरहाल, इस घोषणा से ही अररिया के बाकी उम्मीदवारों में बेचैनी बढ़ गयी है, क्योंकि राजनीति पर नजर रखने वाले सर्वविदित है कि शाहजहां शाद का चुनाव मैदान में उतरना किसी भी प्रत्याशी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। 


जनता की आवाज बन फारबिसगंज सहरसा रेल संघर्ष मोर्चा हो या नागरिक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले सदैव जनता की आवाज बुलंद करने वाले शाहजहां शाद ने कहा कि सिमांचल बिहार राज्य का सबसे पिछड़ा और गरीब क्षेत्र माना जाता है। हर साल यहां के लोग बाढ़ और अन्य आपदाओं से जूझते रहे हैं. भारत की आजादी के बाद से ही सीमांचल के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता रहा है। भाजपा सामने से जबकि कांग्रेस और राजद पीछे से मुसलमानों का शोषण करते रहे हैं. ताजा उदाहरण देते हुए शाहजहां शाद ने कहा कि हाल के दिनों में किसी भी मुस्लिम को राज्यसभा में नहीं भेजने से कांग्रेस और राजद बेनकाब हो गए हैं. 

तेजस्वी यादव अपने करीबी संजय यादव को तो राज्यसभा भेज देते हैं, लेकिन अल्पसंख्यकों के मसीहा कहे जाने वाले दिवंगत शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को उन्होंने राज्यसभा से वंचित कर दिया, जबकि राजद के लिए दिवंगत शहाबुद्दीन के बलिदान से सभी वाकिफ हैं, ऐसे में अब समय आ गया है कि हमारे पास अपना मजबूत नेतृत्व हो । हमें जनता की परेशानियों को दूर करने और उन्हें हक दिलाने के लिए खड़ा होना होगा। हमने मुसलमानों के सभी तथाकथित नेताओं को आज़मा लिया है। ये लोग केवल हमारे वोट पर शासन करना चाहते हैं और हमें हमारे अधिकार से वंचित करना चाहते हैं। 

शाहजहां शाद ने कहा कि इस बार मैं मुस्लिम नेतृत्व और अररिया के साथ हो रहे लगातार अन्याय के दम पर अररिया लोकसभा से चुनाव लड़ूंगा, जिस तरह से लोग अभी से मेरा समर्थन कर रहे हैं, उससे मुझे अल्लाह पर पूरा भरोसा है कि मेरी जीत अररिया के लिए एक नई सुबह लेकर आएगी।