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पटना। आज आई०एम०ए० हॉल, पटना में बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा ने “बिहार का राजनैतिक परिदृश्य और पिछड़े मुसलमान” के विषय पर एक दिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमाल अशरफ राईन ने की और संचालन सामाजिक चिन्तक व मोर्चा समर्थक मो० असगर अली खान ने किया।
श्री अशरफ ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि वर्तमान समय में लगभग पूरा देश साम्प्रदायिकता की आग में जल रहा है, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, मणिपुर, असम, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र आदि अनेकों राज्यों में मुसलमान दहशत जदा है मस्जिद, मदरसे शहिद किए जा रहे हैं, पवित्र ग्रन्थ कुरान शरीफ की बेहुरमती हो रही है, धार्मिक जुलुसों में खुलेआम गुण्डागर्दी हो रही है, साम्प्रदायिक दंगे किये जा रहे हैं, जिसमें तबाह और बर्बाद भी मुसलमान हो रहे हैं और कानूनी कार्रवाई भी इन्हीं के खिलाफ हो रहा है एवं इनके ही घरों को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है वहीं बिहार के मुसलमान विगत 19 वर्षों से चैन व सुकून की जिन्दगी गुजार रहे हैं बिहार में शान्ति है, अमन है और बिहार के मुसलमान बिल्कुल इन सब मसलों से इतमिनान और सुरक्षित है ऐसा सिर्फ इसलिए है कि 2005 से बिहार में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब से बिहार में मुख्यमंत्री बने है अनेकों दफा साजिश करने के बावजूद साम्प्रदायिक दंगा नहीं होने दिया। औरन्गाबाद, गया, जहानाबाद, गोपालगंज, सारण, नवादा, बेगुसराय, नालन्दा, मुंगेर, पटना आदि अनेकों जगह पर असामाजिक तत्त्वों ने दंगा कराने की पूरी साजिश रचि जिसे नीतीश कुमार की सरकार ने नाकाम कर दिया और कभी भी नीतीश कुमार ने बिहार के मुसलमानों से यह दावा नहीं किया कि वह हैं तो बिहार के मुसलमान सुरक्षित हैं।
श्री अशरफ ने कहा कि जिस देश व प्रदेश में धर्म व जाति के नाम पर सियासत होता है और इसी आधार पर जनता वोट करती है वहाँ मात्र ढाई प्रतिशत की आबादी वाले नीतीश कुमार जिन्होंने कभी धर्म की भी राजनीति नहीं की केन्द्र सरकार में रेलमंत्री, कृषिमंत्री रहे और विगत 19 वर्षों से श्री जीतन राम मान्झी के कुछ समयों को छोड़ दे तो लगातार बिहार में मुख्यमंत्री है और नौवी दफा शपथ लेकर इतिहास रचने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यह उनकी कुशलता और परिपक्वता ही है कि लोग चाणक्य की नहीं अब नीतीश कुमार की नीति को परखेंगे। उन्होंने कहा कि 2005 में पहली दफा भी भाजपा के ही सहयोग से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे और आज भी भाजपा के सहयोग से ही सरकार चला रहे है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ऐसे नायक हैं कि वह जब चाहते है विपक्ष को सत्ता से जोड़ लेते है कभी भाजपा तो कभी राजद उनकी सहयोगी होती है, यह सब नीतीश नीति का करिश्मा है।
मोर्चा नेता असगर अली खान ने कहा कि बिहार ही नहीं बिहारियों के लिए भी नीतीश कुमार ने काफी काम किया और समाज के हर हिस्से को सत्ता में हिस्सेदारी दी, शैय्यद जमशेद अशरफ, शैय्यद मोनाजिर हसन, मो० खालीद, हारूण रशीद, अबू कैशर, तनवीर अखतर शेख, मौलाना गुलाम रशूल बलियावी, जमॉ खान, अफाक अहमद खान, इलियास कुरैशी, नौशाद मलीक, अली अनवर, सलीम प्रवेज, अन्जुम आरा, अब्दुल कय्यूम अन्सारी, डॉ० एजाज अली, कहकशा प्रवीण, प्रो० गुलाम गौश राईन आदि को हिस्सेदारी दी राजू इदरीसी को मढौरा, छपरा तो महुआ से डॉ० असफा प्रवीण मुकेरी जाति की महिला को विधानसभा में टिकट दिया कलाल जाति को अल्पसंख्यक आयोग का चेयर मैन तो हलालखोर को अतिपिछड़ा आयोग का सदस्य बनाया इत्यादि। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार लगातार काम और सत्ता में हिस्सेदारी देकर कोशिश कर रहे है कि वह मुसलमानों से जुड़े और मुसलमान खुलकर इनकी हिमायत करें हमें अफसोस है कि नीतीश जी को जितनी कामयाबी इसमें मिलनी चाहिए नहीं मिल पाया उसकी वजह सिर्फ यही है जिन-जिन लोगों को नीतीश कुमार ने सत्ता से जोड़ा उन्होंने काम नहीं किया कभी कोशिश नहीं की कि बिहार के मुसलमानों को नीतीश कुमार से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि नीतीश जी को चाहिए कि वह नए लोगों को ऐसे लोगों को मौका दे जो मुस्लिम समाज को नीतीश कुमार से जोड़ सके। मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मो० रफीक आलम जमाली ने कहा कि बिहार की जनता सिर्फ इतना जानती है कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार है वह किसके सहयोग से हैं ये किसके साथ चले गये यह सब सियासी पार्टियों और सियासी नेताओं को सोचना चाहिए आज लगभग लोगों का यही हाल है वह सिर्फ व्यक्तिगत स्वार्थ को ध्यान में रखकर फैसला कर रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश, प्रदेश की जनता विशेषकर मुसलमानों का काफी काम नीतीश कुमार की सरकार ने किया है। भागलपुर दंगाइयों को सजा, पिड़ीतों को मुआवजा, कब्रिस्तानों की घेराबन्दी, शराब बन्दी, दहेज बन्दी, हुनर-औजार योजना, बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी, तालीमी मरकज, दसवीं और बारहवीं कक्षा के मार्क्स सीट को स्कूल और मदरसों की डिग्रीयों में समानता, मदरसों का आधुनिकीकरण, मदरसा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि, बुनियादी सविधाओं में गाँव-गाँव सड़क-बिजली, हर घर को पानी, स्वास्थ्य-शिक्षा लो एण्ड आर्डर में सुधार रोजगार के लिए ऋण इत्यादि काम नीतीश कुमार जी ने किया है।
मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव मो० सलाउद्दीन ने कहा कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को ड्रेस कोड फ्री, शिक्षा किताबे फ्री, साइकिल योजना मीड डे मील आदि के अलावा प्राइमरी को मीडिल, मीडिल को हाई और प्लस टू को स्कूलों में कर नीतीश कुमार ने शिक्षा पाना गरीबों के लिए आसान कर दिया।
मोर्चा के प्रदेश महासचिव मो० मुश्ताक आजाद ने कहा कि राजद की सरकार ने काम कम और चर्चा ज्यादा किया 1990 से आज तक जबकि 2005 से राजद सत्ता में नहीं है फिर भी दावा करता रहा है कि वहीं मुसलमानों की सुरक्षा करता है लेकिन कभी-भी कहीं भी साम्प्रदायिक तनाव हुआ कहीं भी राजद का कोई कार्यकर्ता सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को नौकरी देना तो दूर राजद ने तो मुसलमानों का नौकरी से बाहर किया है। उन्होंने कहा कि टी०वी० सेन्टर से हजारों मुसलमानों को लालू प्रसाद ने बाहर किया उसके बाद सैकड़ों मुसलमानों को न्यायालय की आड़ में बिहार विधानसभा से बाहर किया। कार्यक्रम को मो० शाहीद उर्फ मिस्टर राईन, मो० रेयाजउद्दीन अय्यूबी, मो० करीमुल्लाह, मो० जावीर राईन, मो. नसीरुद्दीन उर्फ लाल बाबू, मो. जावेद उर्फ पप्पू, मो० मुख्तार आदि ने भी सम्बोधित किया।
मोर्चा नेताओं ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर कहा कि नगर एवं पंचायत चुनाव में आरक्षण, जातिगत आधारित गणना, 65 प्रतिशत आरक्षण आदि एतिहासिक कार्यों को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह नीतीश कुमार को भी “भारत रत्न" देकर सम्मानित करें ।
मुख्य मांगें :-
- 65 प्रतिशत आरक्षण के अन्तर्गत पिछड़े व अतिपिछड़े मुसलमानों को कोटा में कोटा 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए ।
- पिछड़े-अतिपिछड़े व दलित मुसलमानों को सत्ता में हिस्सेदारी दी जाए ।
- 1989 SC/ST Attoricities Act में पिछड़े मुसलमानों को भी शामिल कराने के लिए बिहार विधानसभा में प्रस्ताव पास कर केन्द्र सरकार को भेजा जाए।