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गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाओं के लिये संक्रमण की रोकथाम संबंधी उपायों की मजबूती जरूरी



  • गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाओं के लिये संक्रमण की रोकथाम संबंधी उपायों की मजबूती जरूरी
  • स्वास्थ्य देखभाल की महत्वपूर्ण पहलूओं में शुमार है संक्रमण की रोकथाम संबंधी इंतजाम 
  • सावधानी व सतर्कता से संक्रमण के संभावित खतरों पर प्रभावी नियंत्रण संभव 

अररिया, 17 फरवरी। 

Son of Simanchal Gyan Mishra 

संक्रमण की रोकथाम व नियंत्रण स्वास्थ्य देखभाल के महत्वपूर्ण पहलूओं में से एक है। अस्पताल में इलाजरत मरीज, मरीजों को चिकित्सकीय देखभाल प्रदान करने वाले स्वास्थ्य कर्मी व अस्पताल आने वाले अन्य आगंतुकों को विभिन्न तरह के संक्रमण का खतरा बना रहता है। लिहाजा संक्रमण की रोकथाम व नियंत्रण संबंधी प्रभावी उपायों के बगैर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता असंभव है। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में संक्रमण के संभावित खतरों की रोकथाम व इस पर प्रभावी नियंत्रण संबंधी उपायों की मजबूती के लिये एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शनिवार को किया गया। इसमें सभी पीएचसी प्रभारी, बीएचएम व विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत दो-दो एएनएम व स्टाफ नर्स ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्द्घाटन सिविल सर्जन विधानचंद्र सिंह, डीआईओ डॉ मोईज, यूनिसेफ के राज्य वास कंस्लटेंट राजकमल शर्मा, यूनिसेफ के राज्य पब्लिक हेल्थ कंस्लटेंट डॉ जगजीत सिंह, डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार, डीपीसी राकेश कुमार सहित अन्य ने सामूहिक रूप से किया। 

संक्रमण की रोकथाम संबंधी उपायों पर अमल जरूरी 

स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों को जरूरी प्रशिक्षण देते हुए यूनिसेफ के स्टेट वास कंस्लटेंट राजकमल शर्मा ने कहा कि संक्रमण एक ऐसी बीमारी है जो बैक्टीरिया, वायरस, कवक या परजीवी जैसे सूक्ष्म जीवों के कारण होता है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में संभावित संक्रमण के खतरों से निपटने के लिये पर्याप्त इंतजाम होना जरूरी है। साथ ही मरीजों को जरूरी चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने वाले कर्मियों को भी इसे लेकर जरूरी सावधानी बरतना जरूरी है।




 यूनिसेफ के स्टेट हेल्थ कंस्लटेंट डॉ जगजीत सिंह ने कहा कि मरीजों देखभाल में जुटे कर्मी, इलाजरत मरीज को संक्रमण का खतरा बना रहता है। जिसे थोड़ी सी सावधानी बरतते हुए काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। 

सावधानी व सतर्कता संक्रमण से बचाव के लिये जरूरी 

सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि लंबे समय तक अस्पताल में इलाजरत मरीज, मरीजों को उपचार कर रहे स्वास्थ्य कर्मी ही नहीं अस्पताल आने वाले आगंतुक भी किसी तरह के संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। संभावित संक्रमण के खतरों को टालने के लिये विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिये स्वास्थ्य कार्यकर्ता व रोगियों द्वारा उचित विधि से बार-बार हाथों की सफाई, स्वास्थ्य देखभाल वातावरण व उपकरणों को स्वच्छ रखना, सर्जरी करते समय, घावों की देखभाल सहित अन्य स्वास्थ्य उपकरणों के प्रयोग संबंधी निर्धारित मानकों को पालन करते हुए संक्रमण के खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

संक्रमण की संभावना को बहुत हद तक नियंत्रित संभव 

डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने बताया कि जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में संक्रमण के खतरों पर नियंत्रण संबंधी उपाय किये गये हैं। इसे अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संक्रमण के खतरों को कभी भी पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता है। लेकिन उपचार से पहले व इसके बाद कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखते हुए इसकी संभावना को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। डीपीसी राकेश कुमार ने बताया कि कुछ लोगों में संक्रमित होने का जोखिम दूसरे की तुलना में अधिक होता है। लेकिन संक्रमण की रोकथाम व नियंत्रण संबंधी प्रभावी उपायों की मदद से रोगियों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संक्रमण के संभावित खतरों से होने वाले नुकसान से काफी हद तक बचाया जा सकता है।