न्यूज़ डेस्क। ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में जीविका की ओर से लगे 15 दिवसीय सरस मेले का आज शुक्रवार को समापन हो गया। मेला 15 दिसंबर से गांधी मैदान में लगा था। इस मेले में बिहार की लोक कला और पारंपरिक उत्पादों की खूब बिक्री हुई।
दीदी की रसोई में बने व्यंजनों को लोगों ने सबसे ज्यादा पसंद किया साथ ही दीदी की रसोई पर लिट्टी चोखा की सबसे अधिक मांग रह रही। महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की खरीदारी भी कर रहे. बांस से बने पेन स्टैंड, सिक्की पोला की चूड़ियां, राधा- कृष्ण की कांच की चूड़ी, बांस से बने फ्लावर पॉट, मधुबनी कला के कपड़े लड़कियों को आकर्षित कर रहे थे। बच्चे बाइस्कोप का भी आंनद उठाते दिखे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मुख्य मंच पर नृत्य- संगीत कार्यक्रम आयोजित किए गए थे जिसे देखने लोगों की भीड़ लगी रही।
इसी कड़ी में हमारी मुलाकात शहद बेच रहे एक मधुमक्खी पालक उद्यमी परमेश कुमार से हुई जो एक कवि भी है इन्होंने हमारे साथ अपनी एक कविता साझा की जो की इस मेले से संबंध रखती है।
ऐतिहासिक
बिहार सरस मेला 2023
ग्राहक आये मेल फिमेल
अच्छी उत्पाद अच्छा सेल ।
दाम का असर दिखा खरीदारी पर
प्रशासनिक प्रबंध दिखा पहरेदारी पर
सबको अच्छा लगा सांस्कृतिक मंच
मेला देख बहुत खुश हुए मुखिया सरपंच
बिक्री में चार चाँद लगा दिये करूनेश जी
मधुपान करा कर मुहँ मीठा किए कवि परमेश जी ।
काफी स्वादिष्ट लगा बिहारी व्यंजन
बहुत अच्छा लगा भोजपुरिया मनोरंजन |
हो रही अच्छी कमाई अच्छा धंधा
उदारहरण:- गंगा, गंडक, कोशी, महानंदा ।
ऐसे आयोजन से स्वरोजगार मिल रहा जीविका परिवार को
जिसके लिए बहुत बहुत धन्यबाद बिहार सरकार को ।
अतिथि देवो भवः को सहर्ष विकारें
बिहार सरस मेले में अन्य स्टेट से आय पुनः पधारे।
मधुमख्खी पालक उद्मी
परमेश कुमार
शिवाचक गोनपुरा
फुलवारी शरीफ पटना
मो० नं०- 9304078415