क़ातिल खेत
विश्व प्रसिद्ध मलमास मेला, राजगीर के किला मैदान में संगीत नाटक अकादमी द्वारा प्रायोजित, लोक पंच की प्रस्तुति नाटक कातिल खेत का मंचन हुआ, जिसके लेखक इश्तियाक अहमद एवं निर्देशन मनीष महिवाल ने किया। मेला में पहुंचे किसानों ने इस नाटक को देखा, समझा और अभिनय पर जमकर ठहाके लगाये।
इस नाटक में खेती और किसान पर लालच के कारण आए संकट को दिखाया गया है। अधिक और बेहतर फसल के लोभ में आज के किसान रासयनिक खादों और कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं, जो एक और खेतों को बंजर बना रहे हैं तो दूसरी ओर अनाज भी इसके प्रभाव से विषैला बन रहा है और खाने के बाद शरीर में तमाम किस्म की बीमारियों को उत्पन्न कर रहा है। कथाक्रम में एक किसान को एक जिन्न मिलता है, जो उसे खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल करने की सलाह देता है, जिससे उपज कई गुना बढ़ जाती है। लालच में किसान जिन्न की बात तो मान लेता है, पर उसकी जमीन बंजर हो जाती है उसके पास कर्ज चुकाने के पैसे नहीं होते और अंततः वह आत्महत्या कर लेता है। इश्तियाक अहमद द्वारा लिखित इस नाटक में इन्हीं पहलुओं को सहज-सरल तरीक से गीत संगीत और हारय व्याग्य के जरिए बनाने की काशिश की है।
कथासार
नाटक "क़ातिल खेत" के माध्यम से दिखाया गया कि एक किसान है जो अपनी किसानी से खुश है, थोड़ा-थोड़ा अपनी जरूरत की सभी खाद्य सामग्री उगाता है।
एक दिन किसान को हल जोतते समय उसे खेत से एक चिराग निकलता है वह चिराग को साफ करता है तभी उसके अंदर से जिन निकलता है और सलाह देता है कि तुम अपने खेत में रासायनिक खाद का उपयोग करो उपज 5 गुना होगा और एक बार में एक फसल लगाओ तो और ज्यादा फायदा होगा, पर खर्च थोड़ा ज्यादा लगेगा। जबकि किसान की पत्नी किसान को यह सलाह मानने से बार-बार मना करती है, लेकिन किसान नहीं मानता। वो कर्जा, पईचा, लोन लेकर खेती शुरू करता है। बार-बार कर्ज लेता है पर समय पर चुका नहीं पता है मजबूरन अपने सारे फसल अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ता है और अंत में वह आत्महत्या कर लेता है।
पात्र परिचय
किसान : मनीष महिवाल
पत्नी : ज्योति निराला
जिन : गुलशन कुमार
बैल 1 : कृष्ण देव
बैल 2 : चंदन कुमार
ग्रामीण : अरबिंद कुमार
मुखिया : अभिषेक
खान : चंदन कुमार
मुंशी जी : अभिषेक राज महिला : प्रियंका सिंह
ग्रामीण : अभिषेक
मंच परे
संगीत : अभिषेक राज
प्रकाश : राम प्रवेश
कार्यक्रम प्रभारी : संजय सिन्हा
प्रॉपर्टी : कृष्ण देव
मेकअप : रोज सिंह
कार्ड : मोहम्मद जफर
परिवहन : अभिषेक बिहारी
फोल्डर : अभिजीत चक्रवर्ती
मंच व्यवस्था: रजनीश पांडे वस्त्र विन्यास: रितिका
लेखक : इश्तियाक अहमद
निर्देशक : मनीष महिवाल
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