- राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता में आशा कर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण
- रोग के लक्षण व बचाव संबंधी उपायों को लेकर आशा कर्मियों को किया गया प्रशिक्षित
- समय पर जांच व नियमित दवा सेवन से टीबी से पूर्णत: निजात पाना संभव
अररिया, 08 जून ।
Son Of Simanchal Gyan Mishra
स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता को लेकर हर स्तर पर जरूरी प्रयास किया जा रहा है। इसे लेकर संभावित मरीजों की खोज व रोग नियंत्रण संबंधी उपायों को लेकर जन जागरूकता लाने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को रेफरल अस्पताल रानीगंज में आशा कार्यकर्ताओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रोहित कुमार झा ने की। इसमें जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर शर्मा व एसटीएस नवोनिता घोष ने आशा कर्मियों को टीबी रोग के लक्षण व इसके उपचार संबंधी जरूरी जानकारी दी। प्रशिक्षण में अस्पताल प्रबंधक प्रेरणा रानी वर्मा, बीसीएम डोली सिंह सहित अन्य शामिल थे।
टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में आशा की भूमिका महत्वपूर्ण -
जिला टीबी समन्वयक सह राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम व निक्षय मित्र योजना के नोडल अधिकारी दामोदर शर्मा ने बताया कि राज्य में वर्ष 2024 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित है। टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम की सफलता में आशा कर्मियों की भूमिका को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया। आम लोगों को रोग संबंधी जानकारी उपलब्धत कराते हुए बचाव संबंधी उपायों के प्रति प्रेरित करना निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति के लिहाज से महत्वपूर्ण है। आशा कर्मी क्षेत्र भ्रमण के दौरान रोग से जुड़े लक्षण वाले व्यक्ति को जरूरी जांच व नियमित दवा सेवन के लिये प्रेरित करें। इसके अलावा संपर्क में आने वाले सक्षम लोगों को निक्षय मित्र बनने के लिये प्रेरित करें।
स्वास्थ्य कर्मियों को निक्षय मित्र बनने के लिये किया प्रेरित -
कार्यक्रम के दौरान अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार झा ने निक्षय मित्र के रूप में अपना पंजीकरण कराया। जिला टीबी यूनिट के अधिकारी व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के प्रयास से अस्पताल के अन्य दस अधिकारी व कर्मियों ने भी निक्षय मित्र के रूप में टीबी मरीजों की मदद पर अपनी सहमति जतायी। इसके अलावा प्राइवेट टीबी नोटिफिकेशन में तेजी लाने के लिये स्थानीय निजी चिकित्सकों से मुलाकात कर उन्हें इस दिशा में प्रेरित किया गया। कई चिकित्सकों ने इस दिशा में हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
जागरूकता से टीबी को पूरी तरह खत्म करना संभव –
रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार झा ने कहा कि टीबी रोग को पूरी तरह खत्म करने के लिये जागरूकता जरूरी है। ग्रामीण इलाकों में रोग के प्रति आम लोगों को जागरूक करने में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि समय पर इलाज व नियमित दवा सेवन से टीबी बीमारी को आसानी से मात दी जा सकती है। टीबी रोग की जांच व इलाज का सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में नि:शुल्क इंतजाम उपलब्ध है। रोग से जुड़े किसी तरह का लक्षण दिखने पर लोगों को तत्काल अपनी जांच करानी चाहिये। इससे रोग के प्रसार को नियंत्रित करना आसान होगा। साथ ही सुविधा जनक रूप से रोगी का इलाज भी संभव हो सकेगा।