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साप्ताहिक समीक्षात्मक बैठक में नाइट ब्लड सर्वे की सफलता पर जोर



  • एमआर टीकाकरण व मातृत्व-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी का निर्देश 
  • एएनएम के साप्ताहिक कार्यों की हुई समीक्षा, विभिन्न स्वास्थ्य इंडिकेटर पर चर्चा 

अररिया, 13 जून । 

SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA

फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम की सफलता से जुड़ी तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। मंगलवार को जिले के सभी पीएचसी में आयोजित एएनएम की साप्ताहिक बैठक में सर्वे की सफलता पर विशेष जोर दिया गया। इसके साथ ही विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा गयी। पीएचसी अररिया प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जावेद की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में एएनएम के साप्ताहिक कार्यों की गहन समीक्षा की गई। इसमें एमआर एलिमिनेशन प्रोग्राम के प्रभावी क्रियान्वयन व मातृत्व-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी को लेकर जरूरी निर्देश दिये गये। बैठक में बीएचएम खतीब अहमद, बीसीएम मो सरवर आलम, यूनिसेफ के जय कुमार झा, बीसीएम बीएमएनई अबु सूफियान, वीबीडीसी हेमंत कुमार, केयर इंडिया के मंटू कुमार सहित अन्य मौजूद थे। 

सर्वे की सफलता को लेकर लोगों को करें जागरूक -

पीएचसी प्रभारी डॉ जावेद ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के लिये अररिया पीएचसी अंतर्गत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र मिलाकर चार सेशन साइट चिह्नित हैं। इसमें चातर, बटुरबाडी पंचायत के साथ शहरी क्षेत्र में अररिया आरएस रेलवे स्टेशन व ककोड़वा वार्ड संख्या 29 में सत्र का संचालन होगा। इसे लेकर पूर्व से ही क्षेत्र में सघन जन जागरूकता अभियान संचालित करते हुए सर्वे की सफलता सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्होंने दिया। पीएचसी प्रभारी ने मातृत्व-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी बनाते हुए गर्भवती महिलाओं की चतुर्थ एएनसी जांच सुनिश्चित कराते हुए संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने का निर्देश दिया। 

जनप्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित- 

बीएचएम खतीब अहमद ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे का कार्य रात साढ़े आठ बजे से बारह बजे तक होना है। लोगों के ब्लड सैंपल जुटाने के लिये स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित है। संबंधित क्षेत्र की आशा व एएनएम लोगों को इसके प्रति जागरूक करें। ताकि प्रत्येक सत्र पर सर्वे के लिये निर्धारित तीन सौ लोगों का ब्लड सैंपल जुटाया जा सके। इसके अलावा बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त के प्रस्तावित निरीक्षण कार्यक्रम को देखते हुए स्वास्थ्य कर्मियों को कई जरूरी सुझाव व निर्देश दिया गया। 



बैठक में क्षेत्र में बुखार के साथ शरीर में छोटे दाना होने की शिकायत किसी बच्चे में मिलने पर इसकी तत्काल सूचना पीएचसी को उपलब्ध कराने के लिये कहा गया। यूनिसेफ के जयकुमार झा ने बताया कि रोगग्रस्त बच्चे को विटामिन- ए की दवा व एंटी एलर्जी दवा तुरंत उपलब्ध करायें। इलाके का सर्वे कर नौ माह से पांच साल के सभी बच्चों को एमआर का टीका लगाया जाना है। ब्लड सैंपल की जांच में अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आता है तो बच्चों को टीका की अतिरिक्त खुराक दी जानी है।