- विश्व तंबाकू दिवस के मौके पर होंगे जागरूकता संबंधी कई कार्यक्रम
- तंबाकू उत्पादों का सेवन मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिये खतरनाक
- जिंगदी जीने के लिये है पौष्टिक आहार की जरूरत, तंबाकू की नहीं
अररिया, 25 मई ।
SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA
तंबाकू का सेवन मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिये खतरनाक है. इसके प्रतिकुल प्रभावों के प्रति आम लोगो को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस का आयोजन किया जाता है. स्वास्थ्य विभाग इस आयोजन को सफल बनाने के प्रयास में जुट चुका है. इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नहीं " रखा गया है. मौके पर जागरूकता संबंधी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. खासतौर पर कक्षा छह से लेकर 12 वीं तक के बच्चों को इसके हानिकारक प्रभा से अगवत कराने के लिये कई कार्यक्रम निर्धारित किये गये हैं. स्कूली बच्चों के बीच स्लोगन, पोस्टर, निबंध प्रतियोगिता आयोजित किया जायेगा. इसमें सफल अभ्यर्थियों को सम्मानित किया जायेगा. गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि आज के दौर में कई गंभीर बीमारियों की मुख्य वजह तंबाकू का सेवन है. युवाओं के साथ छोटे उम्र के स्कूली बच्चों में इसके सेवन की लत बढ़ती जा रही है. हर हाल में इस पर प्रभावी नियंत्रण की जरूरत है.
विभिन्न जानलेवा बीमारियों की जड़ है तम्बाकू का सेवन:
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि तंबाकू का सेवन हमारे स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिये बेहद नुकसानदेह है. विभिन्न तरह के कैंसर के पीछे तंबाकू का सेवन मुख्य वजह है. फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान ही है. क्रोनिक यानी लंबे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े व सांस की नली के कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े के कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा है. धूम्रपान की अधिकता इसकी वजह है. खैनी, पुड़िया, जर्दा, पीला पत्ती आदि के सेवन से मुंह का कैंसर(ओरल कैंसर) की संभावना बनी रहती है. इन सभी तरह की रोगों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए तंबाकू उत्पादों के सेवन को पूरी तरह मुक्त होना जरूरी है.
मजबूत इच्छाशक्ति से छोड़ी जा सकती है तंबाकू की लत
सीड्स के कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार झा ने बताया कि तंबाकू की लत काफी खराब होता है. इससे निकलना लोगों के लिये थोड़ा मुश्किल होता है. इससे उबरने के लिये चिकित्सकीय उपचार से ज्यादा मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि जिंदगी जीने के लिए पौष्टिक आहार कि जरूरत है तंबाकू की नहीं इसलिये इस गंदी लत को छोड़ कर अनाज, फल- सब्जियां के उत्पादन व सेवन को बढ़ावा देने की जरूरत है.
सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू का सेवन दंडनीय
सीड्स के कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार झा ने बताया तम्बाकू उत्पादों का सेवन सार्वजनिक स्थानों पर रोकने के लिए सरकार द्वारा कानून जरूरी कानून बनाये गये हैं. इसके लिए तंबाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा लागू किया गया है. कोटपा के तहत सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू का सेवन करते पाये जाने पर धारा 4, 5, 6 तथा 7 के तहत कानूनी कार्यवाही व आर्थिक दंड का प्रावधान है.
तंबाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा) के तहत उपलब्ध कानूनी प्रावधान
- सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये की जुर्माना देय है
- तम्बाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर 1 से 5 साल की कैद व 1000 से 5000 तक का जुर्माना देय है
- 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अवयस्कों को तम्बाकू पदार्थ बेचने वालों को 200 रुपये जुर्माना लगाया जाता है
- बिना चित्रित व पैकेट के 85% भाग पर मुख्य रूप से न छपे वैधानिक चेतावनी के तम्बाकू पदार्थ बेचने पर 2 से 5 साल की कैद व 1000 से 10000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है