- जनवरी माह के अंत तकजिले में खसरा व रूबेला के टीका से वंचित बच्चों का हो रहा सर्वे
- वंचित बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित कराना लक्ष्य
- खसरा व रूबेला आउटब्रेक का मामला सामने आने के बाद बढ़ायी गयी सतर्कता
अररिया, 06 जनवरी ।
SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA
जिले में खसरा व रूबेला टीका से वंचित बच्चों का सर्वे किया जा रहा है। टीकाकरण से वंचित बच्चों को चिह्नित करते हुए उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराया जायेगा। बीते दिनों जिले के कई इलाकों में खसरा व रूबेला रोग से जुड़े मामले सामने आने के बाद वंचित बच्चों के शत प्रतिशत टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। गौरतलब है कि भारत सरकार ने वर्ष 2023 तक देश को खसरा व रूबेल रोग से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिये खसरा व रूबेला टीका के दोनों डोज का आच्छादन 95 फीसदी से अधिक करने का लक्ष्य है। हाल ही में खसरा व रूबैला संबंधित जिले में कुल 09 मामले सामने आये हैं। इसके बाद प्रभावित इलाकों में विभागीय सक्रियता बढ़ा दी गयी है।
टीकाकरण से वंचित बच्चों का हो रहा सर्वे
जिले में खसरा व रूबेला के टीका से वंचित बच्चों को चिह्नित करने के उद्देश्य से सर्वे किया जा रहा है। आगामी 10 जनवरी तक आशा, आंगनबाड़ी व संबंधित क्षेत्र की एएनएम के माध्यम से ऐसे बच्चों को चिह्नित किया जाना है। इसकी जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि टीकाकरण से वंचित बच्चों का जनवरी माह के अंत तक शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाना है। इसे लेकर विभागीय स्तर से जरूरी पहल की जा रही है।
खसरा-रूबेला के 09 मामले आये सामने
जिले में बीते दिनों एम-आर यानी मिजिल्स-रूबैला के कुल 09 मामले सामने आये हैं। इसमें सबसे अधिक मामले पलासी प्रखंड में मिले हैं।
जानकारी के मुताबिक, पलासी प्रखंड के पीपरा विजवाड़ पंचायत के वार्ड संख्या 07, श्यामपुर पचेली के वार्ड संख्या 13 व 05, मैना के वार्ड संख्या 01 में एमआर आउटब्रेक के कुल 04 मामले सामने आये हैं। इसके अलावा अररिया ग्रामीण में पटेंगना वार्ड संख्या के 10, बेलवा पंचायत के वार्ड संख्या 15 में भी एमआर के मामले मिले हैं। वहीं फारबिसगंज के रमई वार्ड संख्या 06, कुर्साकांटा सोनामनी गोदाम वार्ड संख्या 07 में एमआर आउटब्रेक के मामले सामने आये हैं।
वर्ष 2023 तक खसरा-रूबैला उन्मूलन का है लक्ष्य
डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ शुभान अली ने बताया कि मिजिल्स यानी खसरा से साल में विश्व में लाखों बच्चे की मौत होती है। वहीं रूबेला की वजह से कई महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं। अगर मां बनती भी हैं तो बच्चे में कई तरह की विषमता, विकलांगता, मंद बुद्धि, हृदय में छेद सहित अन्य समस्या से ग्रसित होते हैं। अररिया में ऐसे मामलों की बहुलता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 तक देश से खसरा व रूबेला के मामलों को पूर्णत: खत्म करने का लक्ष्य है। लिहाजा इस दिशा में प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं।
प्रभावित इलाकों में विभागीय गतिविधियां हुई तेज
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि टीकाकरण से वंचित बच्चों के सर्वे का कार्य 10 जनवरी तक पूरा कराया जाना है। इसके बाद 30 जनवरी तक शत प्रतिशत वंचित बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य है। इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जरूरी दिशा निर्देश प्राप्त है। खसरा-रूबेला प्रभावित क्षेत्रों में 06 माह से 09 माह व 09 माह से 05 साल तक के बच्चों को टीका के अतिरिक्त डोज से आच्छादित किया जाना है।