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मिजल्स-रूबैला प्रभावित इलाकों में सैंपलिंग व टीकाकरण कार्य में लायें तेजी



  • मिजल्स-रूबैला प्रभावित इलाकों में सैंपलिंग व टीकाकरण कार्य में लायें तेजी
  • सर्वेक्षण के आधार पर चिह्नित वंचित बच्चों का प्राथमिकता के आधार पर हो टीकाकरण
  • जीविका, आईसीडीएएस सहित अन्य विभागों के आपसी समन्वय से अभियान को बनाये सफल

SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA

अररिया, 16 जनवरी । 

जिले में मिजल्स यानी खसरा व रूबेला से संबंधित मामलों पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर कोशिशें तेज हो गयी है। इसके लिये एमआर टीका से वंचित बच्चों के सर्वे का कार्य जहां पूरा हो चुका है। वहीं आगामी 30 जनवरी तक विशेष अभियान संचालित करते हुए वंचित बच्चों को टीकाकृत करने का प्रयास किया जा रहा है। गौरतलब है कि देश में वर्ष 2023 तक मिजल्स व रूबेला रोग को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसे लेकर विभागीय स्तर से जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर सिविल सर्जन ने प्रभावित इलाकों में सैंपलिंग व टीकाकरण संबंधी कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। बैठक में डीआईओ डॉ मोईज, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ सुभान अली, यूएनडीपी के वीसीसीएम शकील आजम सहित अन्य मौजूद थे। 

सैंपलिंग व टीकाकरण के कार्य में लायें तेजी 

मिजल्स-रूबेला मामलों की समीक्षा करते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि पिछले दिनों जिले के कुछ इलाकों में एमआर यानी मिजल्स-रूबेला आउटब्रेक के मामले सामने आये हैं। जो चिंताजनक है। एमआर उन्मूलन की दिशा में गंभीर प्रयास करने की जरूरत है। इसके लिये आईसीडीएस, शिक्षा, जीविका के अधिकारी व कर्मियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने का निर्देश उन्होंने दिया। 




सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों को उन्होंने इसमें हर संभव सहयोग का निर्देश दिया। सिविल सर्जन ने कहा कि सभी टीकाकरण सत्र पर 06 माह से कम उम्र के बच्चों को निश्चित रूप से विटामीन ए की दवा खिलाई जाये। साथ ही एमआर प्रभावित इलाकों में बल्ड़ सैंपलिंग के कार्य सुचारू रूप से संचालित करने का निर्देश उन्होंने दिया। इसके प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर यूनिसेफ के अधिाकारियों को प्रभावित इलाकों के मंदिर, मसजिद, मदरसा सहित अन्य स्थानों माइकिंग के जरिये स्थानीय लोगों को इसे लेकर जागरूक करने का निर्देश सिविल सर्जन ने बैठक में दिया। 

30 जनवरी टीकाकृत होंगे एमआर टीका से वंचित बच्चे 

जिल प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने कहा कि जिले में विशेष अभियान संचालित कर एमआर टीका से वंचित बच्चों को चिह्नित किया गया है। इसके मुताबिक जिले के सभी नौ प्रखंडों में एमआर टीका के पहले डोज से वंचित बच्चों की संख्या 9516 व दूसरे डोज से वंचित बच्चों की संख्या 9685 है। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के क्रम में ऐसे 315 बच्चे चिह्नित किये गये हैं। जिन्हें विगत तीन माह के दौरान बुखार के साथ शरीर में दाने की शिकायत रही है। इसी तरह 06 से 09 माह के कुल 627 बच्चों को एमआर टीका का अतिरिक्त डोज दिया जाना है। वहीं 09 माह से 05 साल तक के 2083 बच्चों को एमआर टीका के अतिरिक्त डोज के लिये चिह्नित किया गया है। 

देश को 2023 तक एमआर मुक्त बनाने का है लक्ष्य 

डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ शुभान अली ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2023 तक देश को खसरा व रूबेल रोग से पूरी तरह मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिये खसरा व रूबेला टीका के दोनों डोज का आच्छादन 95 फीसदी से अधिक करने का लक्ष्य है। 




हाल ही में खसरा व रूबैला से संबंधित जिले में कुल 09 मामले सामने आये हैं। रोग पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर विभागीय स्तर से हर जरूरी प्रयास किया जा रहा है। एमआर टीका से वंचित बच्चों का सर्वे कर उन्हें टीकाकृत करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं रोग प्रभावित इलाकों में 06 माह से 09 माह व 09 माह से 05 साल तक के बच्चों को टीका के अतिरिक्त डोज से आच्छादित किया जा रहा है।