'ग़ाफ़िल' जो बेदार किया करता था
फारबिसगंज सन आफ सीमांचल ज्ञान मिश्रा
सीमांचल के मशहूर शायर,लेखक व उद्घोषक स्व हारून रशीद ग़ाफ़िल साहब का पिछले दिनों हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया था जिसको लेकर फारबिसगंज के जेपी भवन में नागरिक संघर्ष समिति के तत्वधान में एक श्रद्धांजलि एवं शोक सभा का आयोजन किया गया जहां स्वर्गीय हारून रशीद ग़ाफ़िल साहब के स्मृतियों को याद करते हुए समाज सेवी शाहजहां शाद ने कहाँ की उनका अचानक से हमारे बीच से चले जाना इस सीमांचल के लिए अपूरणीय क्षति है,वही अभिषेक सिंह व वरिष्ठ पत्रकार राहुल ठाकुर ने कहां की उन्हें साहित्य के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए राज्य सरकार उन्हें मरणो उपरांत उन्हें वो सम्मान दे जिसके वे हकदार रहे है।
वही मुखिया प्रतिनिधि मनीष यादव व अभिनेता आमिर समर खान ने कहा कि ग़ाफ़िल साहब ने कुलहैया आंचलिक भाषा को प्रदेश में पहचान दिलाई,उनका जाना इस क्षेत्र के लिए अपूर्णीय क्षति है,वही दो मिनट के मौन रख स्वर्गीय हारून रसीद ग़ाफ़िल को श्रद्धांजलि दी गई, वही शोक सभा की अध्यक्षता राहुल ठाकुर व संचालन राशिद जुनैद के द्वारा किया गया मौके पर शाहजहां शाद, पूनम पांडिया, ब्रजेश राय, राहुल ठाकुर, अब्दुर रहमान कासमी, अभिषेक सिंह, रमेश सिंह, वाहिद अंसारी,राजद नेता मनीष यादव, सैफ अली खान,अभिनेता आमिर समर खान, मो० उमर, स्व गाफिल साहब के पुत्र मामून रशिद गाफिल, अमीनुर रशीद,मजहर आलम व अन्य लोग शामिल थे।