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लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर केंद्रीय टीम ने सदर अस्पताल का किया निरीक्षण


  • केंद्रीय टीम ने सदर अस्पताल में उपलब्ध प्रसव संबंधी सेवाओं का लिया जायजा 
  • सीमित संसाधन व मानव बल की कमी के बावजूद बेहतर सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास सराहनीय

अररिया, 17 नवंबर सन ऑफ सीमांचल ज्ञान मिश्रा 

राष्ट्रीय मानकों के आधार पर सदर अस्पताल में प्रसव संबंधी सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रसव संबंधी सेवाओं की बेहतरी के लिये लक्ष्य प्रमाणीकरण को महत्वपूर्ण माना गया है। बिहार सरकार के राज्यस्तरीय क्वालिटी एश्योरेंस टीम द्वारा सदर अस्पताल को लक्ष्य प्रमाणीकरण पूर्व में प्राप्त हो चुका है। केंद्रीय स्तर पर प्रमाणीकरण हासिल करने का प्रयास जारी है। इसी क्रम में बुधवार को दो सदस्यीय केंद्रीय टीम ने अस्पताल में उपलब्ध प्रसव संबंधी सेवाओं का निरीक्षण किया। सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता की अगुआई में स्वास्थ्य अधिकारियों ने केंद्रीय टीम का स्वागत किया। मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों ने लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर विभागीय स्तर पर अब तक किये गये प्रयासों को केंद्रीय टीम के समक्ष रखा। 

प्रसव सेवाओं का बेहतर बनाना लक्ष्य प्रमाणीकरण का उद्देश्य :

केंद्रीय टीम के सदस्य डॉ अनुराग मित्तल ने कहा कि कमियों की जगह वास्तविकता पता लगाना निरीक्षण का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रसव सेवाओं से जुड़े दस्तावेज, मरीजों की प्रतिक्रिया, संसाधन व कर्मियों की उपलब्धता व मरीजों के साथ उनका व्यवहार सहित अन्य तथ्यों का बारीकी से मुआयना किया जाना है। डॉ मित्तल ने कहा कि आम जनमानस को स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य है। हम जो कर रहे हैं वो जनसेवा से प्रभावित है। इसे कैसे बेहतर बनाया जाय। उपलब्ध सेवाएं कैसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जाये। इसके लिये हमें निरंतर अपनी कर्मियों में सुधार करना होगा। 



टीम की सदस्य वैष्णवी सुंदरी ने निरीक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं से कर्मियों को अवगत कराया। साथ ही इसमें अपेक्षित सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रसव सेवाओं को बेहतर बनाना लक्ष्य प्रमाणीकरण का उद्देश्य है।  

प्रसव सेवाओं की बेहतरी के लिये हुए हैं कई प्रयास : 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने कहा कि लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर हमारा अब तक का सफर चुनौतियों से भरा रहा है। सघन आबादी, गरीबी व अशिक्षा के कारण जिला वर्षों से पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है। बावजूद इसके अपने कर्मियों के हौसलों के दम पर हम आज यहां तक पहुंचे हैं। लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर प्रसव सेवाओं की बेहतरी के लिये हाल के दिनों में कई प्रयास किये गये हैं। प्रसव वार्ड व मेटरनिटी ओटी जरूरी संसाधन के साथ सुसज्जित किया गया है। प्रसव सेवाओं का 24 घंटे संचालन सुनिश्चित कराया गया है। कर्मियों के क्षमता संवर्द्धन को लेकर निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। 

औसतन हर माह अस्तपाल में होते हैं 1550 डिलीवरी :


जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम रेहान अशरफ ने कहा कि सीमित संसाधनों के साथ हमने लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर अपने सफर की शुरुआत की। इसे लेकर आज केंद्रीय टीम हमारे बीच है। जो हमारे लिये किसी उपलब्धि से कम नहीं। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में मरीजों का काफी दबाव है। पीएचसी स्तर पर सेवा उपलब्ध होने के बावजूद लोग प्रसव संबंधी सेवाओं के लिये सदर अस्पताल पर भरोसा करते हैं। एक माह में औसतन 1550 डिलीवरी अस्पताल में होते हैं। इतना ही नहीं देर रात 49 डिलीवरी के मामले सुलझाये जा रहे हैं। संसाधन की कमी, मानव बल का अभाव सहित परिस्थिति जन्य चुनौतियों से निपटते हुए हमारे कर्मी प्रसव सेवाओं को बेहतर बनाने के प्रयास में लगे हैं। कर्मियों की सेवा व समर्पण का यही भाव हमें लक्ष्य प्रमाणीकरण के योग्य बनाता है। कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ राजेश कुमार, सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ राजेंद्र कुमार, डीआईओ डॉ मोईज, लेबर रूम के प्रभारी डॉ जीतेंद्र प्रसाद, डीएएम सनोज कुमार, डीटीओएफ केयर डोली कुमारी, अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद, केयर इंडिया की मास्टर ट्रेनर ज्योती कुमारी, बीएम नीतीश कुमार सहित अन्य मौजूद थे।