मधुबनी - रहिका से प्रेम कुमार झा की रिपोर्ट
विषय माता रहीकेश्वरी सभी मुरादे पूरा करती हैं ।।
शारदीय नवरात्रा के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा धूमधाम से की गई ।सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी ।देवी की पूजा से पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ हैं । जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर रहिका स्तिथ मां रहीकेश्वरी का दरबार हैं यहां तकरीबन सैंकड़ों वर्ष पूर्व से ही पूजा अर्चना हो रही हैं ऐसी मान्यताएं हैं कोई भी श्रद्धालु मां के दरबार से खाली हाथ नहीं लौटता हैं यह मंदिर सैंकड़ों वर्ष पूर्व से ही लोगो के आस्था एवं विश्वाश का केंद्र बना हुआ हैं ।
इस मंदिर के बारे में कहा जाता हैं की सैंकड़ों वर्ष पूर्व मां रहिकेश्वरी की प्रतिमा बगल के एक कुआं से स्वयं अवतरित हुई जिसके बाद लोगो ने मंदिर निर्माण के बाद स्थापित किया।मंदिर में सालोभर भक्तो का आना जाना लगा रहता हैं।शारदीय नवरात्रा के सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन सैंकड़ों कुमारी कन्या को कुमारीबटुक के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता हैं । मंदिर के पुजारी विनोद झा ने कहा प्रायः यह एकमात्र सिद्धपीठ हैं जहां एक साथ नवदुर्गा और अंकुरित भगवती की आराधना होती हैं यहां की पूजा पद्धति भी अन्य जगह से काफी भिन्न हैं यहां हस्तलिखित तंत्रक विधि से मां की पूजा अर्चना होती हैं।