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रबी मौसम में लगने वाले फसलों के पैदावार बढ़ाने से किसानों को दोहरा लाभ हो सकता है



मधुबनी  - रहिका से प्रेम कुमार झा की रिपोर्ट।

रबी मौसम में लगने वाले फसलों के पैदावार बढ़ाने से किसानों को दोहरा लाभ हो सकता है।इसके लिए किसानों को उन्नत किस्म के रोगरोधी बीज एवं खेती के कम लागत की तकनीकी ज्ञान के संवर्धन की निहायत आवश्यकता है।विगत एक दशक से तेलहन एवं दलहनी फसलों के उत्पादकता कम हुई है।जिसके कारण खाद्म तेल एवं दाल की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई है।ये जानकारी प्रखंड मुख्यालय स्थित किसान भवन के रबी कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.प्रमोद कुमार झा ने कही।



कार्यक्रम का उद्घाटन बीडीओ सत्येन्द्र कुमार यादव, पूर्व जिप सदस्य महादेव सहनी,बीएओ विश्वनाथ प्रसाद एवं प्रखंड आत्मा अध्यक्ष अवधेश मिश्रा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.यूडी.सिंह ने कहा कि रबी मौसम में अनाज,तेलहन, दलहन एवं सब्जी की खेती पर जौर देते हैं।लेकिन साथ ही मिट्टी की उर्वरता बरकरार रखने एवं गुणवत्ता वाले अनाज के उपज के लिए जैविक खेती किसानों को अपनाने की जरुरत है।बेहतर कृषि तकनीकी से फसल खेतों में लगाया जाय तो किसान पारंपरिक खेती के तौर तरीकों में बदलाव ला सकते हैं।कार्यक्रम में महेश्वर ठाकुर, सीताराम यादव,सुमन झा,बीटीएम विद्मानंद ,कृषि समन्वयक सुरेन्द्र चौधरी, दिलीप चौधरी, कृष्ण कांत झा सहित प्रगतिशील किसानों ने खेतीबाड़ी की जानकारी देकर किसानों को अवगत कराया।बीएओ ने विभिन्न प्रकार के फसलों के बीज के अनुदान एवं वितरण के जानकारी पर प्रकाश डाला गया।