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विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर टीचर्स ऑफ बिहार एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार को टीचर्स ऑफ बिहार के फेसबुक पेज पर आयोजित किया गया एक्सक्लूसिव कार्यक्रम लेट्स टॉक



SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA

बिहार की सबसे बड़ी प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी टीचर्स ऑफ बिहार एवं यूनिसेफ बिहार के संयुक्त तत्वाधान में 1-7 अगस्त तक आयोजित होने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर "स्तनपान की रक्षा- एक साझी जिम्मेदारी" विषय पर गुरुवार को टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार एवं तकनीकी टीम के लीडर शिवेंद्र सुमन के सहयोग से फेसबुक पेज पर एक्सक्लूसिव कार्यक्रम "लेट्स टॉक" आयोजित किया गया। इस लेट्स टॉक कार्यक्रम का संचालन टीम के मॉडरेटर नम्रता मिश्रा एवं शशिधर उज्जवल के द्वारा किया गया। इस लेट्स टॉक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप डॉ. शिल्पी गोलवारा, एसोसिएट प्रोफेसर, एनएमसीएच, पटना, श्रीमती मोना सिन्हा, कम्युनिकेशन फॉर डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट, यूनिसेफ बिहार, डॉ. शिवानी डार, न्यूट्रिशन ऑफिसर, यूनिसेफ बिहार शामिल हुई।

          मुख्य अतिथि के द्वारा टीम के मॉडरेटर के साथ-साथ दर्शकों के सवालों का जवाब देते हुए बताया गया कि मां के द्वारा अपने शिशु को अपने स्तनों से आने वाला प्राकृतिक दूध पिलाने की क्रिया को स्तनपान कहते हैं। स्तनपान शिशु के लिए संरक्षण और संवर्धन का काम करता है। नवजात शिशु में रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति नहीं होती है। मां के दूध से यह शक्ति शिशु को प्राप्त होती है। मां के दूध में लेक्टोफोर्मिन नामक तत्व होता है, जो बच्चे की आंत में लौह तत्त्व को बांध लेता है और लौह तत्त्व के अभाव में शिशु की आंत में रोगाणु पनप नहीं पाते। मां के दूध से आए साधारण जीवाणु बच्चे की आंत में पनपते हैं और रोगाणुओं से प्रतिस्पर्धा कर उन्हें पनपने नहीं देते। मां के दूध में रोगाणु नाशक तत्त्व होते हैं। उक्त जानकारी टीम के प्रदेश प्रवक्ता रंजेश सिंह ने दी।