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बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ का संदेश साहित्यकार,कवि और इंसानियत के नाम

 


न्यूज़ डेस्क। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने आरएन न्यूज़ से ख़ास बातचीत में बताया नई पीढ़ी और नौजवानों को सहित से जुड़ना चाहिए यही मेरी चेष्टा भी रही है। हिंदी साहित्य सम्मेलन ने कई लोगों को कवि और कवित्री बनाया है साथ ही साथ हिंदी साहित्य सम्मेलन से जुड़ने पर कई लोग थोड़ा बहुत जो छुटकर लिखते थे वह इस साहित्य सम्मेलन से जुड़कर अच्छा लिखने लगे।

 हिंदी साहित्य सम्मेलन के मंच ने कई प्रशिक्षण देने का भी कार्य किया है, इस मंच से कई कवि कवित्रीयों ने देश में अपने कविताओं से नाम कमाया है। हिंदी साहित्य सम्मेलन ने सम्मान देने का भी कार्य किया है, कई बड़े उत्सव समारोह में विद्वानों और साहित्यकारो को सम्मान देने का भी कार्य किया है । कई लोगों को शताब्दी समारोह में सम्मान दिया गया है।

साथ ही साथ ही साथ डॉक्टर अनिल सुलभ ने बताया उनके कार्यकाल में कई पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित की गई, जो कार्य किसी कारणवश कई वर्षों से रुक गए थे उन कार्यों को उन्होंने आगे बढ़ाया। डॉ. अनिल सुलभ ने बताया कि आने वाले दिनों में और भी परिवर्तन किया जाएगा। अपने इस ख़ास इंटरव्यू में डॉ. अनिल सुलभ ने हिंदी साहित्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण गुण भी बताएं।