मधुबनी - लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट
प्रखंड की एक मात्र पीएनबी शाखा में कर्मियों की भारी कमी है। सरकारी योजनाएं व आम उपभोक्ताओं के खाते लगातार बढ़ रहे हैं, वहीं कर्मियों की संख्या लगातार घट रही है। पिछले छह महीने से प्रबंधक का व एक महीने से दो कर्मियों के पद रिक्त हैं। इस कारण खाताधारकों को बैंक के भीतर घंटों लाइन में लगना पड़ता है। बैंक में कार्यरत सिर्फ प्रभारी प्रबंधक समेत तीन कर्मी हैं। फलतः हजारों खाताधारकों के दैनिक कार्य बाधित होकर रह जाते हैंं। इस बाबत लोगों में भारी आक्रोश है। कर्मियों व ग्राहकों के बीच कहासुनी व तू-तू, मैं-मैं होती ही रहती है। कर्मी बैंक के दैनिक कार्यों का निष्पादन भी नहीं कर पा रहे हैं।
कार्यरत प्रभारी प्रबंधक रोहित कुमार को लेन - देन के अलावे ऋण स्वीकृत करने, नो ड्यूज देने समेत अन्य कार्य भी देखने पड़ते हैं। सैकड़ों ऐसे ऋणी ग्राहक हैं जिन्होंने बैंक के खाते में समझौता योजना के तहत महीनों पूर्व ऋण चुकाये। इन्हें अबतक नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है। अधिक राशि के बैंक ड्राफ्ट बनवाने में भी दूसरे बैंकों के अधिकारी से हस्ताक्षर कराने के लिए आश्रित रहना पड़ता है। प्रभारी बैंक प्रबंधक ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वे किसी तरह इन्हीं शेष बचे कर्मियों के भरोसे लेनदेन जैसे दैनिक कार्य का निष्पादन करते हैं। कई बार उच्चाधिकारियों का ध्यान इन कठिनाइयों की ओर आकृष्ट किया गया। फलाफल शून्य रहा। कहा कि इस प्रखंड में एक मात्र राष्ट्रीयकृत पीएनबी में केंद्र प्रायोजित योजना के तहत संचालित स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, बीमा योजना, कृषि बीमा योजना के साथ मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना आदि शामिल हैं। कर्मियों की कमी के कारण लोग इन योजनाओं के लाभ से भी वंचित रह जाते हैं।