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भाजपा जिला प्रवक्ता राजन तिवारी ने बजट को लेकर कहा की प्रधान सेवक माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है।



अररिया/फारबिसगंज से ज्ञान मिश्र

केंद्र सरकार के मंत्रालय जो भी फैसले करती है, सबमें कहीं न कहीं आत्मनिर्भर भारत का सपना छुपा होता है। राजन तिवारी जिला प्रवक्ता भाजपा !! भाजपा जिला प्रवक्ता राजन तिवारी ने बजट को लेकर कहा की प्रधान सेवक माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। जाहिर है, कि केंद्र सरकार के मंत्रालय जो भी फैसले करती है, सबमें कहीं न कहीं आत्मनिर्भर भारत का सपना छुपा होता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो कल वर्ष 2021.22 के लिए बजट पेश किया है, उसमें भी आत्मनिर्भर भारत का सपना छुपा हुआ है।

साथ ही साथ श्री तिवारी ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कच्चे माल की उपलब्धता बड़ी बाधा बन रही है।यह बात सही है कि अभी भी देश में अधिकतर उद्योग के लिए कच्चे माल की तंगी है। इसे दूर करने तथा उद्योग जगत को कम कीमत पर कच्चा माल देश में उपलब्ध हो सके, इसके लिए बजट में कई महत्वपूर्ण कच्चा माल पर आयात शुल्क घटाए गए हैं। लोहा और इस्ताप से जुड़े एमएसएमई की दिक्कतों का तो केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में भी जिक्र किया। ओर श्री तिवारी ने ये भी बताया कि 21वीं सदी के तीसरे दशक के इस बजट में वित्‍त मंत्री ने दीर्घकालिक प्रभाव वाले कई सुधारों की घोषणा की, जिनका उद्देश्‍य लघु अवधि, मध्‍यम अवधि और दीर्घ अवधि के उपायों के जरिए भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को ऊर्जावान बनाना हैं।
महत्‍वाकांक्षी भारत - भारत जिसमें समाज के सभी वर्गों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा की पहुंच और रोजगार के बेहतर अवसर हो, ताकि उनके जीवन का स्‍तर अच्‍छा हो सके।
सभी के लिए आर्थिक विकास - 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्‍वास' ।
जिम्‍मेदार समाज - मानवीय और सहृदय, अन्‍त्‍योदय, आस्‍था का आधार।तीन बड़े विषयों को एक साथ लाया जाना-भ्रष्‍टचार मुक्‍त, नीति निर्देशित और सक्षम शासन।
साफ-सुथरा और मजबूत वित्‍तीय क्षेत्र।केन्‍द्रीय बजट में जीवन सुगमता को तीन प्रमुख विषयों के रूप में रेखांकित किया गया हैं
कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास
आरोग्‍य, जल और स्‍वच्‍छता
शिक्षा और कौशल कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास के लिए -कृषि, सिंचाई और संबंधित गतिविधियों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये।-ग्रामीण विकास और पंचायती राज केलिए 1.23 लाख करोड़