मधुबनी - लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट
कृण्णदेव नगर पथराही स्थित केडीएम पब्लिक स्कूल के परिसर में महान क्रांतिकारी व शिक्षक रहे कृष्णदेव महतो की पुण्यतिथि पर ' क्रांतिवीर कृष्णदेव ' नामक पुस्तक का लोकार्पण समारोह पूर्वक किया गया।
समारोह का उद्घाटन बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड की अध्यक्षा डॉ. भारती मेहता, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय एल एन एम यू दरभंगा के निदेशालय डॉ. अशोक कुमार मेहता, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जयनारायण यादव, अवकाश प्राप्त प्राध्यापक प्रो. हरिश्चन्द्र पाठक, अवकाश प्राप्त एच एम वरिष्ठ पत्रकार मोतीलाल मुखिया व ख्यातिप्राप्त साहित्यकार डॉ. महेन्द्र राम ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. यादव ने की। संचालन प्रो. प्रदीप सिंह ने किया।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में संस्कृत शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ. यादव ने कहा कृष्णदेव बाबू समाज के सर्वमान्य नेता थे। उन्होंने विषम परिस्थितियों में समाज की नि:स्वार्थ सेवा की। इस अवसर पर स्व. श्री सिंह के कृती-व्यक्तित्व व शौर्य से जुड़ी संस्मरणात्मक व्याख्यानमाला का आयोजन श्रद्धापूर्वक किया गया।
व्याख्यानमाला में भाग लेते हुए संस्कृत शिक्षा बोर्ड की अध्यक्षा भारती मेहता ने कहा कि वे सम्पूर्ण व्यक्तित्व के अधिकारी थे। निदेशक डॉ. मेहता ने कहा उनसा कोई दूसरा नहीं हो सकता। वे त्याग की प्रतिमूर्ति थे। समाज को ऐसा व्यक्तित्व संयोग से प्राप्त होता है। डॉ. हरिश्चन्द्र पाठक ने कहा कि वे एक साथ नेता, शिक्षक , संगीतकार व योद्धा थे। पूर्व एच एम श्री मुखिया ने कहा कि वे समाज के सभी वर्गों के हमदर्द थे। वक्ताओं ने पुस्तक के रचयिता डॉ. राम व स्कूल के निदेशक आनंद कुमार की सराहना की। लोगों ने कहा कि इनके सद्प्रयास से कृष्णदेव बाबू को अमरता मिली है।
मौके पर पंडित शांतिनाथ झा, जगदीश भारती, जेई पंकज शर्मा, कृष्णदेव केसरी, प्रो. अरुण कुमार, वैद्यनाथ चौधरी, मायाकान्त पाठक, सुरेन्द्र यादव, उमेश घोष, चंदन, रामनारायण यादव, समेत सैकडों लोग थे।