आर एन न्यूज के लिए मधुबनी से आशीष खजौली से रमण पाठक की एक खास रिपोट ।
सोमवार को बड़े ही धूम धाम से हर्षोल्लास के साथ निष्ठा पूर्वक अंनत चतुर्दशी का त्यौहार मनाया गया ।भगवान विष्णु की अंनत स्वरूप अंनत चतुर्दशी को लेकर तड़के सुबह से ही लोगों में खासे चहल पहल बनी हुई थी ।घर की महिलाओं के द्वारा सोमवार की तड़के सुबह ही घर आँगन की गाय गोबर से निप पोत कर नहा धुआ कर विभ्भीन प्रकार की पकवान बनाने में व्यस्त थे ।
यह पर्व हर बर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष को चतुर्दशी तिथी को हिन्दू धर्मावली निष्ठा पूर्वक भगवान विष्णु की अंनत स्वरूप की पूजा अंनत चतुर्दशी पर्व मनाते हैं ।मान्यता है कि अंनत सूत्रों में लगी 14 गांठ भगवान विष्णु के द्वारा बनाए गए 14 लोकों का प्रतीक होती है ।मालूम हो कि अंनत सूत्र पुरुष के द्वारा दहिना हाथ में और महिलाओं के द्वारा बाएं हाथ मे बांधने से मनुष्य की हर संकट से रक्षा करता है ।
विभ्भीन हिन्दू धर्म मे उल्लेखित मान्यता के अनुस्वार मान्यता है कि भगवान विष्णु के द्वारा सृष्टि के आरंभ में सत्य ,तप ,जन ,स्वर्ग ,भूप ,भू ,अतल ,वितल ,सुतल ,तलातल,महातल ,रसातल ,और पताल चौदह लोकों की रचना किया था ।अपने द्वारा बनाये गये इन चौदह लोकों की रक्षा के लिय चौदह सूत्र के भाद्रपद शुक्ल पक्ष के चतुर्दशी तिथी को अंनत स्वरूप के रूप में पूजा किया गया था ।