बिहार राज्य सुन्नी वक्त बोर्ड ने बिहार सरकार के आदेश के बाद सभी मुस्लिम धार्मिक स्थल को खोलने के संबंध में एडवाइजरी जारी करते हुए 8 जून से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने का ऐलान किया है। इसके लिए सरकार द्वारा दिए गए शर्तों को मानना अनिवार्य होगा।
1- मस्जिद में किसी भी समय भीड़ जमा न होने दें।
2- 10 व 65 साल से अधिक उम्र के लोग घर नमाज पढ़े।
3-मस्जिद में सिर्फ फर्ज नमाज जमाअत के साथ अदा की जाये। सुन्नतें और नफल घर पर पढ़े।
4- 5 वक्त की नमाज के लिए हर मस्जिद में 4 जमाअतें 15-15 मिनट पर अलग-अलग अदा की जाए।
5- हर नमाज की पहली जमाअत अव्वल वक्त अदा करें ताकि बाद की जमाअतों में परेशानी न हो।
6- जुमे की नमाज के लिए भी अलग-अलग 4 जमाअतों का एहतिमाम किया जाए।
7- जुमे का खुतबा छोटा और उर्दू में तकरीर न की जाए।
8- वुजू घर से ही करके जाएं
9- नमाज मास्क लगाकर अदा करें।
10- नमाज में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाए। 2 नमाजियों के बीच में 6 फिट की दूरी हो।
11- मस्जिद के कालीन और चटाईयों को हटा दिया जाए।
12- हर नमाज से पहले फर्श को फिनाइल या डिटॉल से साफ किया जाए। फर्श पर ही नमाज अदा की जाए।
13- वुजू खाने में साबुन रखा जाए। वुजू करते समय साबुन से हाथ जरूर धोया जाए।
14- मस्जिद में रखी हुई टोपियों का इस्तिेमाल न करें बल्कि अपनी टोपी खुद ले जायें।
15- मस्जिद में दाखिल होने या बाहर निकलते समय भीड़ न लगायें।
16- न किसी से गले मिलें और न हाथ मिलायें।
बताते चलें 8 जून से पटना का महावीर मंदिर भी खुल जाएगा । महावीर मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया है कि सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन के बाद श्रद्धालु दर्शन पूजन और प्रसाद के लिए ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।।
कुछ जानकार इसे अभी खोलने के खिलाफ भी है। जानकारों का कहना है कि अधिकतर धर्मों में घरों से पूजा-इबादत करने का प्रावधान है. धार्मिक संस्थानों को खोलना जोखिम भरा है क्योंकि इनमें से ज्यादातर बंद स्थान होते हैं, अधिकतर स्थलों पर लोगों की सबसे ज्यादा मौजूदगी होती है और इन स्थानों पर संवेदनशील श्रेणी में आने वाले वरिष्ठ नागरिक जैसे लोग अधिक आते जाते हैं।
उन्होंने कहा कि युवा तथा स्वस्थ लोगों के साथ एक स्थान पर बुजुर्गों की अधिक संख्या में मौजूदगी जैसी चीजें खतरे को और बढ़ा सकती हैं क्योंकि स्वस्थ लोग हल्के लक्षणों और दिशा-निर्देशों की अनदेखी कर सकते हैं.