सांस्कृतिक संस्था लोक पंच द्वारा आज दिनांक 25/11/ 2025 को विश्व विख्यात सोनपुर मेला में साइबर क्राइम पर आधारित नाटक "मैं मूर्ख नहीं हूं" का मंचन किया गया जिसके लेखन एवं निर्देशन मनीष महिवाल ने किया।
कथासार :-
नाटक पति-पत्नी की नोक- झोंक से शुरू होता है। इस दौरान एक फोन आता है और ओटीपी माँगा जाता है, पत्नी उसे ओटीपी देने लगती है तो पति मना करता है, पर पत्नी ओटीपी दे देती है और बाद में बताती है कि मुझे मालूम है कि वह मेरे साथ फ्रॉड कर रहा था, पर मैंने उसे गलत ओटीपी दे दिया। मुझे मालूम है ओटीपी शेयर करने से नुकसान होता है, हम गांव से आए हैं इसका मतलब यह नहीं कि हम मूर्ख है।
अगले दृश्य में एक व्यक्ति अपने मित्र से बकाया पैसे मांगता है, और इसी बातचीत के दौरान पता चलता है कि मित्र का फेसबुक अकाउंट किसी ने हैक कर रखा है और वह उसके मित्रों से पैसा मांग रहा है।
ऐसी फेक और फ्रॉड साइबर क्राइम करने वाले से सावधान रहने की बात बताई जाती है। अगले दृश्य में अनजान और फ्रॉड लिंक पर क्लिक करने का क्या परिणाम होता है, यह दिखाया गया है। नाटक में गायक मोहम्मद रफी के गाए हुए गीत (जनम जनम के तोर कमईयया चोरवा ना ले जाए, जगत रहा भैया तू सोए मत जाइए) को रखा गया है जिसके माध्यम से जालसाज़ और साइबर अपराधियों से अपने धन को बचाने की बात कही जाती है। इसके अलावा और कई गीतों का भी नाटक में इस्तेमाल किया गया है।
नाटक के अंत में एक पात्र कहता है कि अब मुझे कोई भी साइबर क्राइम करने वाला ठग नहीं सकता है क्योंकि "मैं मुर्ख नहीं हूं"। प्रस्तुति के दौरान आर.बी.आई के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने नाटक को अंत तक देखा औऱ हर्षित भाव से सराहा भी।
पात्र परिचय,
सरबिन्द कुमार , रजनीश पांडे, रोहित कुमार, अजित कुमार, प्रिया कुमारी. प्रिंस कुमार, चन्दन कुमार, नीरज शुक्ला एवं मनीष महिवाल।
मंच परे,
नाल : अजित कुमार / मनोज शुक्ला
खंजरी : अरबिन्द कुमार
प्रस्तुति नियंत्रक : राम प्रवेश
गायक : चंदन कुमार
लेखक-निर्देशक : मनीष महिवाल
प्रस्तुति : लोक पंच




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