बिहार में राहुल गाँधी द्वारा छठ महापर्व के अपमान और यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के लिए एक बार फिर अभद्र भाषा के प्रयोग पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी का कांग्रेस-आरजेडी और महागठबंधन पर कारारा हमला
छठ का महापर्व अस्त होते हुए सूर्य को की आराधना करके प्रारंभ होता है और उदित होते हुए सूर्य को अर्ध देकर समाप्त होता है। तो निश्चित रूप से इन चुनावों में बिहार की संस्कृति और श्रद्धा के इस प्रतीक के इस अपमान का प्रतिकार करते हुए बिहार की जनता महागठबंधन के सूर्य को अस्त करने और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में एनडीए और भारत के उगते हुए सूर्य को अपना समर्थन देकर नए भारत का मार्ग प्रशस्त करेगी। मुझे बिहार के प्रसिद्ध राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की प्रसिद्ध कविता "मेरे नगपति मेरे विशाल” की कुछ पंक्तियाँ याद आती है -
प्राची के प्रांगण बीच देख जल रहा स्वर्ण युग अग्नि ज्वाल,
तू मौन त्याग कर सिंहनाद रे तपी,
आज तप का न काल,
नवयुग शंख ध्वनि जगा रही,
तू जाग जाग मेरे विशाल.
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी विदेश भ्रमण में भारत के विरुद्ध भरपूर दुष्प्रचार करने के बाद आज बिहार में चुनावी प्रचार के पहले दिन ही भारतीय संस्कृति के सबसे महान पर्वों में से एक और बिहार की संस्कृति के सबसे बड़े महापर्व छठ पूजा के लिए जिस प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया है, भाजपा इसकी घनघोर निंदा करती है। राहुल गाँधी ने पहले छठ महापर्व के लिए “गंदा पानी” और उसके बाद “छठ ड्रामा” शब्द का प्रयोग करते हुए जो निंदनीय बयान दिया है, उससे बिहार की जनता स्तब्ध और आक्रोशित है।
जो कुछ यह महागठबंधन और राहुल गांधी जी कर रहे हैं, यह कोई पहली बार नहीं है। उन्होंने “गंदा पानी” शब्द का प्रयोग इससे पहले भी प्रयाग के महाकुंभ में किया था और श्रीराम जन्मभूमि के उद्घाटन के समय उनको “नाच-गाना” नजर आया था। और, आज छठ के महापर्व उनको “ड्रामा” नजर आ रहा है। यह उनकी भारतीय संस्कृति विरोधी, हिंदू धर्म संस्कृति विरोधी, और बिहार की संस्कृति के महान प्रतीक में से सबसे प्रमुख पर्व के प्रति उनके मन में जो तिरस्कार और घृणा का भाव है, वह दर्शाता है।
भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी जी को बताना चाहती है कि माननीय प्रधानमंत्री जी नवरात्र में नौ दिन का उपवास रखते हैं, श्रीराम मंदिर के उद्घाटन के समय 11 दिन उपवास रखकर व्रत रखते हैं, वे शुद्ध शाकाहारी हैं। राहुल गाँधी जी, “ड्रामा” वह होता है कि एक तरफ आपके साथ के दल “इरेडिकेशन ऑफ सनातन धर्म” को लेकर कांफ्रेंस करते हैं - यानी हिंदू धर्म का समूल नाश, फिर विदेश में आपके लोग “डिसमेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व” पर कांफ्रेंस करते हैं —यानी संपूर्ण विश्व से हिंदू धर्म को नष्ट करना, और आप कहते हैं कि हिंदू धर्म की शक्ति से लड़ना है। फिर कुर्ते के ऊपर जनेऊ वाली फोटो आपकी पार्टी की आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई जाती है और आप मंदिर से बाहर निकलकर अपनी जाति नहीं, गोत्र बताते हैं। यह होता है “ड्रामा।”
मैं महागठबंधन की तरफ से ख्वाबों-ख्यालों के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव जी से भी पूछना चाहता हूं कि यह बिहारियों के अपमान की कितनी लंबी श्रृंखला आप बर्दाश्त करने को तैयार हैं? पहले आपने एक ऐसे राज्य के मुख्यमंत्री को बुलाया तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम के स्टालिन को जिनके मंत्रियों ने ऐसे अपमानजनक शब्द बोले हम किसी को छोटा बड़ा नहीं कहते उन्होंने कहा कि बिहारी यहां पर सफाई करने के लिए आते हैं। अर्थात बिहार की स्वाभिमानी श्रमिक जनता का अपमान आपने बिहार की धरती पर करवाया। उसके बाद आपने एक ऐसे मुख्यमंत्री को बुलाया तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री रेवंत रेड्डी जिन्होंने सीधे बिहार के कुर्मी समाज का नाम लेकर कहा था कि बिहार के डीएनए से डीएनए खराब है। यानी आपने बिहार की जनता का अपमान कराया और अब बिहार की श्रद्धा के सबसे बड़े केंद्र छठ महापर्व का इतना बड़ा अपमान करवाकर आप बिहार की जनता की कितनी बेइज्जती अपने महागठबंधन से करवाना चाहते हैं।
मेरा मानना है कि बिहार की जनता इससे स्तब्ध है, आक्रोशित है। भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सभी घटक पार्टियाँ राहुल गाँधी के बयान की घोर निंदा करती है। बिहार की जनता संकल्पबद्ध है कि बिहार के निरंतर अपमान और भारत की धर्म संस्कृति के निरंतर अपमान की जो हिमाकत इंडी गठबंधन, बिहार में महागठबंधन, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जी कर रहे हैं, उसका पुरजोर जवाब बिहार की जनता, पूरी ताकत के साथ मतदान में देकर इस अपमान का प्रतिकार अवश्य करेगी।

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