न्यूज डेस्क। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता एवं मध्यस्थता केंद्र (केसीआईएएम) का कर्टेन रेजर और विजन लॉन्च शनिवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रतिष्ठित न्यायाधीश, न्यायविद और कानूनी विशेषज्ञ शामिल हुए। अतिथियों ने इस पहल को भारत को वैश्विक मध्यस्थता मानचित्र पर स्थापित करने को दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संदीप मेहता ने केसीआईएएम की स्थापना को एक 'समयानुकूल और दूरदर्शी' पहल बताया और कहा कि इसमें विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करके, सहयोग को बढ़ावा देकर, भावी मध्यस्थों को प्रशिक्षित करके और सर्वोत्तम प्रथाओं में अनुसंधान को बढ़ावा देकर बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने की क्षमता है।
उन्होंने रेखांकित किया, केसीआईएएम न केवल इस क्षेत्र की सेवा करेगा, बल्कि मध्यस्थता के वैश्विक केंद्र के रूप में भारत के व्यापक दृष्टिकोण में सार्थक योगदान देगा। कीट और केआईएसएस के संस्थापक डा अच्युत सामंत इस अवसर पर उपस्थित थे, जहां केसीआईएएम की वेबसाइट का शुभारंभ किया गया। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायमूर्ति अब्दुलकावी ए यूसुफ ने इस बात पर जोर दिया कि मध्यस्थता भारत के इतिहास में गहराई से निहित है और यह नया केंद्र देश में संस्थागत मध्यस्थता के एक नए युग का सूत्रपात करेगा।