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महिला एवं बाल विकास निगम के द्वारा यूनिसेफ पटना के तकनीकी सहयोग से किशोर-किशोरी के जीवन कौशल माड्यूल के कार्यान्वयन हेतु 71 शिक्षकों का चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न




पटना : महिला एवं बाल विकास निगम के द्वारा यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से 05 सितंबर 2024 को किशोर-किशोरियों के जीवन कौशल मॉड्यूल के कार्यान्वयन हेतु 71 शिक्षकों का चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किशोर-किशोरियों को जीवन कौशल में गुणात्मक सुधार लाना है ।




कार्यशाला के उद्घाटन महिला एवं बाल विकास निगम के निदेशक श्री राजीव वर्मा तथा यूनिसेफ के प्रतिनिधि के द्वारा किया गया निगम के निदेशक श्री राजीव वर्मा ने प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज के समय कि यह आवश्यकता है कि हम बच्चों को जीवन कौशल की शिक्षा दें । जीवन कौशल शिक्षा में बच्चे के समग्र व्यक्तित्व को ध्यान में रखा जाता है। यह किसी भी तरह की परिस्थिति को संभालने की ताकत देता है और किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संघर्ष का सामना करने का साहस देता है।




किशोर-किशोरियों के जीवन कौशल मॉड्यूल के कार्यान्वयन के लिए प्रथम चरण में पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित 37 आवासीय और +2 उच्च विद्यालयों के कुल 71 प्रतिभागियों के लिए यह प्रशिक्षण शुरू किया गया। इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े कौशल जैसे आत्म-संवेदना, आत्म-विश्वास, संचार कौशल, निर्णय लेने की क्षमता और सामाजिक कौशल को विकसित करने हेतु प्रशिक्षित किया गया ।




यूनिसेफ के विशेषज्ञों; श्री शिव शंकर, श्रीमती अनुराधा सिन्हा, श्री पंकज कुमार राय और सुश्री प्रेरणा कुमारी के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया । कार्यशाला में विभिन्न गतिविधियों और सत्रों के माध्यम से किशोर-किशोरियों के कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण दिया गया। श्रीमती अनुराधा सिन्हा, यूनिसेफ के द्वारा यह बताया गया कि यह कार्यक्रम न केवल किशोरों को अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए तैयार किया गया है बल्कि उन्हें अपनी समाजिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों को समझने और निभाने के लिए कौशल विकास के लिए भी तैयार किया है । इस पाठयक्रम के माध्यम से किशोरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की जाएगी। 





प्रशिक्षण के सत्रों के दौरान समूह चर्चा के माध्यम से किशोरों की समस्याओं और उनकी मानसिकता को समझने की कोशिश की गयी । जीवन कौशल कार्यक्रम के उद्देश्यों और संरचना का परिचय देते हुए किशोरों को इन कौशलों को जीवन में शामिल करने के पर बल दिया गया। 




इस प्रशिक्षण का मुख्य बिंदु किशोरों को समझना, जीवन कौशल कार्यक्रम का अवलोकन, बाल अधिकारों का परिचय, स्व-जागरूकता, जीवन कौशल का परिचय, बाल अधिकारों पर जागरूकता बढ़ाने, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य और लिंग विविधता और सामाजिक समावेशन था। 
निगम के निदेशक श्री राजीव वर्मा ने कार्यशाला के समापन करते कहा कि सभी शिक्षक अपने विद्यालयों में इस मॉड्यूल से किशोर-किशोरियों को जीवन कौशल से शिक्षित करना है ।

 उन्होंने किशोरों के उज्जवल भविष्य के कामना करते हुए सभी प्रतिभागियों एवं इस विषय के जानकारों का आभार व्यक्त किया ।