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बिहार खादी समर कैम्प के समापन पर कला और प्रतिभा का भव्य प्रदर्शन



  • बिहार खादी समर कैम्प के समापन पर कला और प्रतिभा का भव्य प्रदर्शन
  • “ओ वोमनिया” गीत पर लोक गायिका रेखा झा के साथ बच्चों ने भी लगाए सुर

पटना 15 जून, 2024- बिहार खादी समर कैंप का अंतिम सत्र जोशपूर्ण उत्साह, जुनून और युवा प्रतिभा के प्रदर्शन के साथ समाप्त हुआ। समापन समारोह में मुख्य अतिथि प्रसिद्ध बिहार लोक गायिका रेखा झा, बहुचर्चित कलाकार मनोज बच्चन और कवि ध्रुव कुमार शामिल थे, जिन्होंने सभी प्रतिभागियों को अपने कला के माध्यम से एक अविस्मरणीय अनुभव दिया। 




रेखा झा ने अपने मधुर गीत ‘ओह वुमनिया’ से अंतिम सत्र में जोश भर दिया। वहीं श्री ध्रुव कुमार और मनोज बच्चन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ कैसे नए कौशल सीखने से जीवन में विकास होता है।साथ ही हम अपने स्थानीय कला और कौशल को सीखकर स्वरोज़गार की ओर बढ़ सकते हैं। आज के समय में हर कला को स्वरोज़गार में बदला जा सकता है। इसका जीवंत उदाहरण बिहार खादी मॉल में देखने को मिलता है। 




इसके साथ ही बच्चों ने भी खूब बढ़-चढ़कर अंतिम दिन पर अपनी कला का प्रदर्शन किया। किसी ने लोक गीत गाना गाए तो कई बच्चों ने बॉलीवुड गानों पर नृत्य करके अपनी कला और प्रतिभा दिखाई। आगामी फादर्स डे की थीम पर भी बच्चों ने कविताएं सुना कर सबका मन मोह लिया। इस कार्यक्रम में न केवल युवा प्रतिभागियों की रचनात्मक क्षमताओं का उत्साह मनाया गया बल्कि सभी उपस्थित लोगों के बीच सांस्कृतिक प्रशंसा की भावना को भी बढ़ावा दिया गया। 




बिहार खादी समर कैम्प में एक माह में प्रतिभागियों को कैंडल निर्माण, साबुन निर्माण,मनडाला आर्ट, मधुबनी पेंटिंग, टाई और डाई जैसे कौशल सिखाए गए थे। इन सभी कौशल का प्रशिक्षण कुमारी नलिनी शाह, सुभाष कुमार, रवि प्रकाश, रितिका, समृद्धि कौशिक, शताक्षी शैली व विशाल द्वारा दिया गया था। इस अवसर पर सभी प्रशिक्षकों को उनके प्रशंसनीय प्रशिक्षण के लिए सम्मानित किया गया। 



समर कैम्प के अंतिम दिन सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए गए और उनके सराहनीय कला प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की गई। 




इस निःशुल्क समर कैम्प का उद्देश्य लोगों में बिहार के पौराणिक व उभरते कौशल को बढ़ावा देने का था। जहाँ बच्चों ने बिहार खादी समर कैम्प में नए हुनर व कौशल सीखे वहीं अभिभावकों में भी स्वरोज़गार की जागरूकता बढ़ी। इस अवसर पर डॉ लीना, बिहार खादी से सहायक लेखा पदाधिकारी प्रदीप कुमार, जिला ग्रामोद्योग बोर्ड पदाधिकारी अभय सिंह, विनय, प्रियंका, शिवांगी, दृष्टि व अन्य मौजूद रहे। 




बिहार खादी बच्चे,युवा पीढ़ी व वयस्कों के बीच खादी की समृद्ध विरासत, बिहार की संस्कृति व स्वरोज़गार के माध्यम को जीवंत रखने की निरंतर प्रयास करती आ रही है।