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एनीमिया पीड़ित मरीजों के जांच, इलाज व रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को दें प्राथमिकता




  • एनीमिया पीड़ित मरीजों के जांच, इलाज व रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को दें प्राथमिकता
  • एनआरसी में बच्चों के दाखिला व उपचार के उपरांत घर छोड़ने में लें एंबुलेंस की मदद
  • सिविल सर्जन की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षात्मक बैठक 

अररिया, 12 मार्च । 

सन ऑफ सीमांचल ज्ञान मिश्रा।

जिले में संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार है। अधिक से अधिक लोगों तक स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मुहैया कराने के उद्देश्य से इसकी नियमित समीक्षा व अनुश्रवण किया जा रहा है। इसी कड़ी में सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित मामलों की मासिक समीक्षात्मक बैठक मंगलवार को आयोजित की गयी। जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में आयोजित बैठक में विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की गहन समीक्षा करते हुए इसमें अपेक्षित सुधार को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये गये। बैठक में डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह, सीडीओ डॉ वाईपी सिंह, डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार, डीएमएनई पंकज कुमार, डीपीसी राकेश कुमार, डीसीएम सौरव कुमार, यूनिसेफ के एसएमसी आदित्य कुमार सिंह, डीसी आरबीएसके डॉ तारिक, डीसी टीबी दामोदर शर्मा सहित सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम व बीसीएम मौजूद थे। 

कुपोषित बच्चों को इलाज के लिये एनआरसी में करायें दाखिल 

समीक्षा के क्रम में सिविल सर्जन ने मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया। बताया गया कि योजना के तहत 16 से 24 माह के दौरान सभी जरूरी टीका से आच्छादित 02 से 03 साल तक कन्या शिशु को बतौर प्रोत्साहन राशि 02 हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान है। वहीं पीडीएस कार्डधारियों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित अभियान को अधिक प्रभावी बनाने पर बैठक में विस्तृत चर्चा की गयी। 




सिविल सर्जन ने एनीमिया मुक्त भारत अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से गंभीर एनीमिया पीड़ित मरीजों के समुचित इलाज व रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को प्रमुखता देने की बात कही। सिविल सर्जन ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को क्षेत्र अंतर्गत कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर समुचित इलाज के लिये एनआरसी में दाखिल कराने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सप्ताह सभी प्रखंडों से कम से कम दो चिह्नित कुपोषित बच्चे केंद्र में भर्ती कराये जायें। केंद्र में बच्चों के दाखिल कराने व समुचित उपचार के बाद बच्चे व उनके अभिभावक को घर छोड़ने के लिये नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्वास्थ्य इंडिकेडरों में सुधार को लेकर अधिकारी जिम्मेदार व जवाबदेह रवैया अपनायें। 

प्रथम एएनसी संबंधी उपलब्धियों में लायें सुधार 

स्वास्थ्य संबंधी मामलों की समीक्षा के क्रम में डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने कहा कि मातृ-शिशु स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का प्रभावी क्रियान्वयन विभाग की प्रमुखता में शुमार है। इसे लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने सुरक्षित व संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये गर्भवती महिलाओं के एएनसी जांच को महत्वपूर्ण बताया। 




उन्होंने प्रथम तिमाही के दौरान गर्भवती महिलाओं को चिह्नित करते हुए प्रथम एएनसी संबंधी उपलब्धियों में सुधार के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया। डीपीएम ने कहा कि अमूमन सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जन आरोग्य समिति गठित हो चुका है। पंचायत के मुखिया से समन्वय स्थापित करते हुए जन आरोग्य समिति का अलग बैंक एकाउंट खोलने की प्रक्रिया को तेज करने की बात उन्होंने कही।