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ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों का एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम सी.आर.सी. पटना, द्वारा आयोजित किया गया।

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पटना। ऑगनबाड़ी कार्यकत्रियों का सी. आर. सी. पटना में एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम पटना में कार्यरत 0 से 6 वर्ष के बच्चों एवं धात्री महिलायों के पषोण एवं स्कूल पूर्व शिक्षा के विकास हेतु कार्यरत ऑगनबाड़ी कार्यकत्री का समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यागजन सशक्तिकरण केन्द्र, पटना, राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान (एन.आई.एल.डी.) कोलकाता के प्रशासनाधीन, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत है के द्वारा सी.आर.सी. पटना के सभागार में आज दिनांक 12/03/2024 एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम संस्थान द्वारा आयोजित किया गया। 




इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री कौशल किशोर भा.प्र.से. राज्य आयुक्त निःशक्तता बिहार, पटना, विशिष्ट अतिथि श्रीमती आभा प्रसाद, बि.प्र.सं. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पटना, बिहार, विशिष्ट अतिथि श्रीमती अनुप्रिया सिंह, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, पटना सदर, पटना, बिहार, सी. आर. सी. पटना निदेशक श्रीमती प्रियदर्शिनी एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम में सभी प्रतिनिधि आज के कार्यक्रम में संस्था के तरफ से आप सभी का अभिनंदन करती हूं। आज हम एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम के लिए एकत्र हुए हैं। मेरे लिए ये विशिष्ट सम्मान और सौभाग्य की बात है। हमारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन में अपरिहार्य भूमिका निभाती हैं और आपका महत्वपूर्ण भूमिका को कम करके आंका नहीं जा सकता है।




आज हमारे सामने समावेशन एक बड़ी चुनौती है, हमारे जैसे विविधतापूर्ण और जीवंत देश मेंए समावेशिता केवल एक लक्ष्य नहीं हैय यह एक बुनियादी मूल्य भी है जिसका हमें हर मोड़ पर समर्थन करना चाहिए। आंगनवाड़ी केंद्रों के भीतर समावेशिता को बढ़ावा देकरए हम न केवल दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाते हैं बल्कि समाज के लिए आधार भी तैयार करते हैं।




जैसा कि आपको पता है शुरूवाती कई वर्ष बच्चों के लिए हर आयाम से महत्तवपूर्ण है। इस समय अगर हम दिव्यांगता का पता करके समाधान कर सकें तो हम एक बेहतर भविष्य उन बच्चों को दे पाएंगे। आज के प्रोग्राम से आपको यह जानकरी मिलेगी कि जन्म से छह साल में बच्चे की पहचान कैसे करें और उन्हें कहां भेजें। छोटी छोटी लेकिन महत्तवपूर्ण बातें हैं जिसपर हमलोग चर्चा करेंगे।




वक्ता के रूप में सहायक प्राध्यापक विशेष शिक्षा श्री राजेंद्र कुमार प्रवीण ने बताया की दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अन्तर्गत 21 प्रकार की दिव्यांगताओं को चिन्हीत किया गया है तथा सी.आर.सी. पटना में एक छत के नीचे सभी तहर की दिव्यांगताओं के लिय पुर्नवास सेवाये निशुल्क उपलब्ध है।




दूसरे वक्ता के रूप में श्रीमती चन्द्रमाला, सहायक नैदानिक वाक् एवं भाषा वानी विशेषज्ञ ने छोटे बच्चों की विकासात्मक समस्याओं के बारे में लोगों को अवगत कराया तथा उन्होंने दैनिक जीवन कौशल से संबंधित गतिविधियों के बारे में अवगत कराया।




श्रीमती स्वर्नलाता भोतिक चिकित्सक ने दिव्यांगजनों हेतु भारत सरकार तथा राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में तथा उनसे संबंधित आवश्यक दस्तावेजों के बारे में अवगत कराते हुये बताया कि संस्थान दिव्यांगजनों के लिए यू.डी.आई.डी. कार्ड, निरामाया स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने तथा कौशल प्रशिक्षण देने सहायक उपकरण प्रदान करने से संबंधित समस्यायों का निराकरण करने के लिए अनवरत प्रयासरत है। कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम सह समन्यवक शान्तनु का और पूरे सी आर सी पटना परिवार की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन कुमार भारत भूषण ने किया ।

उक्त कार्यक्रम में कुल 220 ऑगनबाड़ी सेविका / सहायिका एवं महिला पर्यवेक्षक ने अपनी सहभागिता दर्ज करवाई।