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- बिहार से अकेला अन्तर्राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी को बिहार में ही नहीं मिल रही नौकरी।
- बिहार सरकार से लगा चुका है गुहार।
न्यूज़ डेस्क। पटना में रहने वाले अजय सिद्धार्थ जो एक कबड्डी के अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी है और विश्व का सर्वश्रेष्ठ रेडर का खिताब अपने नाम कर चुका है और भारत की 12 सदस्यीय टीम में शामिल होने वाला बिहार का अकेला खिलाड़ी है। इसके अलावा सिद्धार्थ ने बिहार अंडर 19 के साथ कई राज्यों में कबड्डी खेल कर विजय प्राप्त कर चुका है। अजय मूल रूप से छपरा के मढ़ौरा के रहने वाले है और बिहार के खेल मंत्री जितेंद्र कुमार राय भी इन्ही के गांव के रहने वाले हैं इसके बावजूद भी यह अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी नौकरी से वंचित है।
फिलहाल इस होनहार युवा खिलाड़ी को अब एक नौकरी की तलाश है जिसके लिए यह युवा खिलाड़ी बिहार सरकार के कई आला अधिकारियों से मिल चुका है लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है। पिछले सरकार में पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा के खिलाड़ी मेडल लेकर आए और नौकरी पाएं परन्तु उस समय भी इस युवा खिलाड़ी को निराशा हाथ लगी। अब इस खिलाड़ी के परिवार वालों का बिहार के सीएम नीतीश कुमार एवं डिप्टी सीएम और खेल मंत्री जितेंद्र कुमार राय से उम्मीद है कि वह कुछ न कुछ इस खिलाड़ी के लिए करें।
खिलाड़ियों के लिए क्या हैं सीधी भर्ती के नियम :
खेल कोटे में एक शब्द है कुशल खिलाड़ी. ये वह खिलाड़ी हैं, जो किसी भी खेल में नेशनल या इंटरनेशनल या दोनों में शामिल रहे हैं. टीम के साथ ही उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन भी शानदार रहा हो. मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया हो तो ऐसे सभी खिलाड़ी कुशल की श्रेणी में सूचीबद्ध किए जाते हैं. इन खेलों में ओलंपिक, एशियाई खेल, विश्व चैम्पियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल, राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप जैसी प्रतियोगिताएं शामिल हैं.
इन प्रतियोगिताओं में किसी भी गेम में शामिल खिलाड़ी कुशल श्रेणी में ही माना जाता है. राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के पास अधिकार है कि वे ऐसे किसी भी कुशल खिलाड़ी को सीधे नियुक्ति पत्र दे सकते हैं. बड़े पैमाने पर ऐसी नौकरियां खिलाड़ियों को मिली भी हैं. इनके उदाहरण पूरे देश में मिलते हैं. इसमें न तो वैकेंसी की प्रतीक्षा करनी है और न ही कोई आवेदन करना है. कई बार मेडल जीतने वाले खिलाड़ी स्वदेश पहुंच भी नहीं पाते और उन्हें सीधे अफसर बनाने की घोषणा हो चुकी होती है.राष्ट्रीय स्तर पर नीरज चोपड़ा, हिमा दास, दुतीचंद, यूपी में ललित उपाध्याय, विजय यादव जैसे कई नाम हैं, जिन्हें स्पोर्ट्स कोटे के तहत नौकरियां मिली है.
इनके अलावा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी भारत सरकार द्वारा नौकरी पा चुके है, उन्हें रेलवे में जॉब खेल कोटे से ही मिली थी.