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बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023, जनरल मैन्यूफैक्चरिंग, तीसरे सत्र में जनरल मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 15570 करोड़ के MoU पर हुए हस्ताक्षर



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  • तीसरे सत्र में जनरल मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 15570 करोड़ के MoU पर हुए हस्ताक्षर

पटना, 13 दिसम्बर 2023पटना के ज्ञान भवन में बुधवार को आयोजित बिहार बिजनेस कनेक्ट-2023, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन के तीसरे सत्र में जनरल मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में निवेश पर चर्चा हुई। जनरल मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 15 प्रमुख कंपनियों ने 15570.61 करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) ने सबसे बड़ी राशि 7386.15 करोड़ रुपये निवेश प्रस्ताव पर प्रतिबद्धता जताई, जबकि इंडो-यूरोपियन रिसर्च एंड हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने 2000 करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इसी प्रकार अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड ने 1000 करोड़, स्टार सीमेंट ने 650 करोड़, मेसर्स भारत उर्जा डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड ने 614 करोड़, मेडिकल वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड ने 600 करोड़, भारत प्लस इथेऩॉल प्राइवेट लिमिटेड ने 565 करोड़ रुपये निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। वहीं, शिव इंडस्ट्रीज ने 480 करोड़, श्री निलयम प्री कोटेड प्राइवेट लिमिटेड ने 261.26 करोड़, भारती एयरटेल ने 250 करोड़, आरकेडी स्पोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड़ ने 245 करोड़, इको भाबत बायो फ्यूल्स एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने 200 करोड़, नुपूर वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 200 करोड़, सर्वेश इंटरप्राइजेज ने 200 करोड़ के निवेश प्रस्ताव (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।




इस अवसर पर उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री संदीप पौण्डरीक ने उद्योग के लिए सरकार की अनुकूल नीतियों और यहां उद्यमियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की विस्तार से जानकारी दी। कहा कि देश के सबसे यंग स्टेट में कुशल श्रमिक, रोड कनेक्टविटी, पानी की भरपूर उपलव्धता है। तीन एयरपोर्ट राज्य में हैं तो चार राज्य के आसपास में हैं। उन्होंने उद्यमियों को लॉजिस्टिक पॉलिसी और बायोफ्यूल्स नीतियों की भी विस्तार से जानकारी दी।

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार बिजनेस कनेक्ट से राज्य में बड़ा परिवर्तन आएगा। राज्य में निवेश के लिए जो भी जरूरी है, वह सरकार मुहैया करा रही है। उद्योग विभाग के डेडिकेशन और सरकार की निवेश प्रोत्साहन नीतियों से बिहार अब उद्योग के लिए जाना जायेगा। यहां 7000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। सुदूर गांवों में भी लोगों को 20 से 22 घंटे बिजली मिल रही है। 10-15 सालों में बिहार में व्यापक परिवर्तन आया है। सरकार की औद्योगिक नीतियों से बेहतर माहौल बना है। निश्चित रूप से बिहार लैंड ऑफ हिस्ट्री से लैंड ऑफ इंडस्ट्री की ओर अग्रसर हुआ है।




उर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव के कहा कि ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और गोल्डन कॉरिडोर से आवागमन और बेहतर हुआ है। जहां दक्षिण के कई राज्य पानी की कमी से जूझ रहे हैं तो बिहार में पानी की कोई कमी नहीं है। सदानीरा नदियों से सालोंभर यहां पानी की सुविधा उपलब्ध है। बिजली की भी कमी नहीं है। 7000 से 7200 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। मैन पावर, वाटर, मार्केट और रोड कनेक्टिविटी किसी भी उद्योग के लिए जरूरी होते हैं और इन चारों मामले में बिहार आगे है। इसलिए मैं उद्यमियों से आह्वान करका हूं कि निवेश के लिए आगे आएं। सरकार आपको सभी प्रकार की सुविधा देने के लिए तत्पर है।