- कालाजार से बचाव को लेकर प्रभावित तीन प्रखंडों में दवा का छिड़काव जारी
- छिड़काव के लिये चिह्नित जिले के 08 में से पांच प्रखंडों में छिड़काव संपन्न
अररिया, 27 नवंबर ।
Son of Simanchal Gyan Mishra
जिले के कालाजार प्रभावित इलाकों में दवा का छिड़काव जारी है। विभागीय स्तर से दूसरे चरण में दवा छिड़काव के लिये जिले के 08 प्रखंड़ों के कुल 71 पंचायत चिह्नित किये गये थे। बीत अगस्त माह से जारी छिड़काव अभियान के क्रम में अब तक पांच प्रखंडों के करीब 46 पंचायतों में छिड़काव का कार्य संपन्न हो चुका है। शेष तीन प्रखंडों के चिह्नित पंचायतों में छिड़काव कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। छिड़काव अभियान के क्रम में कालाजार के संदिग्ध मरीजों को चिह्नित करने के साथ-साथ कालाजार से बचाव को लेकर आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
कालाजार संबंधी मामलों में आयी है कमी
हाल के वर्षों में जिले में कालाजार संबंधी मामलों में काफी कमी आयी है। वर्ष 2007 में जहां जिले में कालाजार के 3937 मामले चिह्नित किये गये थे। वहीं बाद के वर्षों में इसमें गिरावट का सिलसिला निरंतर जारी है। आलम ये है कि बीते साल 2022 में जिले में वीएल के 17 व पीकेडीएल के 05 मरीज मिले। वहीं वहीं साल 2023 में जुलाई माह के अंत तक जिले में वीएल के 05 व पीकेडीएल के 01 मरीज ही मिले हैं।
जिले में कालाजार के मामलों में आयी है कमी
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कालाजार लगभग खत्म होने की स्थिति में है। कालाजार बालू मक्खी की वजह से होता है। जिले में बालू मक्खी का प्रकोप बेहद सीमित हो चुका है। बावजूद इसके एहतियातन दवा का छिड़काव जारी है।
छिड़काव अभियान के क्रम में कालाजार प्रभावित चिह्नित इलाकों में बालू मक्खी पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर सिंथेटिक पैराथायराइड दवा का छिड़काव किया जा रहा है। संभावित मरीजों को चिह्नित करने का कार्य भी साथ-साथ संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 से लेकर जून 2023 तक प्रतिवेदित मरीजों की संख्या के आधार पर छिड़काव के लिये राजस्व गांवों को चिह्नित किया गया है।
कालाजार मरीजों के इलाज का समुचित इंतजाम
डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि 15 दिन से अधिक समय तक बुखार रहना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना रोग संबंधी लक्षणों में शुमार है। जिले के सभी पीएचसी में कालाजार के जांच व उपचार का पर्याप्त इंतजाम उपलब्ध है। सरकारी अस्पताल में इलाज कराने पर मरीजों को श्रम क्षतिपूर्ति राशि के रूप में सरकार द्वारा 7100 सौ रुपये व पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति राशि के रूप में उपलब्ध कराने का प्रावधान है।