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शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी नियंत्रण के लिये एचबीवाईसी कार्यक्रम की सफलता जरूरी




  • गृह आधारित देखभाल से बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण की समुचित निगरानी संभव 
  • राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने की एचबीवाईसी कार्यक्रम की समीक्षा, दिये जरूरी निर्देश 

अररिया, 28 अगस्त। 

SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA 

जन्म के बाद नवजात के पहले हजार दिन उनके स्वास्थ्य व पोषण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। छोटे बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण संबंधी मामलों की समुचित निगरानी के लिये एचबीवाईसी यानी छोटे बच्चों का गृह आधारित देखभाल कार्यक्रम संचालित है। जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम यानी एचबीएनसी कार्यक्रम को निरंतरता प्रदान करता है। एचबीएनसी कार्यक्रम के तहत आशा कार्यकर्ता जन्म के छह सप्ताह तक नवजात के स्वास्थ्य निगरानी के लिये छह से सात बार उनके घर का भ्रमण करती हैं। 



वहीं एचबीवाईसी कार्यक्रम में नवजात के तीन माह की उम्र से 15 माह की उम्र तक आशा कार्यकर्ता पांच बार गृह भ्रमण करती हैं। जो क्रमश: तीन, छह, नौ व बारह महीने में किया जाता है. शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने के उद्देश्य से एचबीवाईसी कार्यक्रम की सफलता पर जिले में विशेष जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में नीति के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी शिशु स्वास्थ्य मुकेश कुमार व आरपीएम केशर इकबाल ने जिले के अररिया व सिकटी प्रखंड पहुंच कर संबंधित मामलों की गहन समीक्षा की। इस कड़ी में आशा कार्यकर्ता, आशा फैसिलिटेटर व एएनएम के साथ संबंधित मामले की समीक्षा करते हुए उन्होंने कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जरूरी निर्देश दिये। 

एचबीवाईसी कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता करायें सुनिश्चित : एसपीओ 

शिशु स्वास्थ्य मामलों के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी मुकेश कुमार ने एचबीवाईसी कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता सुनिश्चित कराने का निर्देश संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया। इस क्रम में अररिया प्रखंड अंतर्गत प्रेमनगर व बटूरबाड़ी पंचायत में क्षेत्र भ्रमण करते हुए उन्होंने दो साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण संबंधी मामलों की पड़ताल की। 



एसपीओ मुकेश कुमार ने कहा कि छोटे बच्चों की गृह आधारित देखभाल कार्यक्रम का उद्देश्य आशा कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण करते हुए बाल मृत्यु दर में कमी लाना, छोटे बच्चों के पोषण, वृद्धि, प्रारंभिक विकास संबंधी मामलों की समुचित निगरानी करते हुए इसे बेहतर बनाना है। साथ ही पूरक आहार, विकास निगरानी, टीकाकरण, स्वच्छता व परिवार नियोजन संबंधी प्रथाओं को मजबूती प्रदान करना है। 

कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर हो रही जरूरी पहल- 

अररिया पीएचसी के बीएचएम खतीब अहमद ने बताया कि राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा एचबीवाईसी कार्यक्रमों की समीक्षा में मिली कमियों को दूर करने का प्रयास किया जायेगा। कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराते हुए रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को प्रभावी बनाने की दिशा में आवश्यक पहल की जा रही है। बीसीएम डोली सिंह ने बताया कि समीक्षा के क्रम में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी मुकेश कुमार व आरपीएम केशर इकबाल ने 40 आशा कार्यकर्ता, 05 एएनएम व 05 आशा फैसिलिटेटरों से सीधे मुखातिब होते हुए कार्यक्रम से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। 



क्षेत्र भ्रमण के दौरान 25 से अधिक लाभुकों से मिलकर उन्होंने बच्चों की सेहत से जुड़ी जरूरी पड़ताल की। कार्यक्रम का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने को लेकर जो निर्देश दिये गये इस पर गंभीरतापूर्वक अमल किये जाने की जानकारी उन्होंने दी।