- बारिश के मौसम में कम उम्र के बच्चों को डायरिया का खतरा अधिक
- सामान्य लक्षणों के आधार पर रोग की पहचान व इसका कुशल प्रबंधन संभव
SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA
अररिया, 03 जुलाई।
बारिश के मौसम में डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। डायरिया की वजह से डिहाइड्रेशन यानी निर्जलीकरण की वजह से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। कुशल प्रबंधन के अभाव में यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। गौरतलब है कि डायरिया बच्चों से संबंधित मौत का बड़ा कारण है। इससे बचाव को लेकर डायरिया के लक्षणों के प्रति सतर्कता सही समय पर उपचार व कुशल रोग प्रबंधन से इससे आसानी से बचाव संभव है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोइज ने बताया कि बार-बार दस्त आना, दस्त के साथ खून का आना, भूख की कमी जैसे सामान्य लक्षणों के आधार पर आसानी से रोग की पहचान संभव है।
आसानी से संभव है रोग की पहचान -
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि लगातार दस्त होने से बच्चों में पानी की कमी यानी निर्जलीकरण की समस्या बढ़ जाती है। ओआरएस व जिंक का सेवन इससे बचाव का बेहतर उपाय है। दस्त के कारण पानी के साथ जरूरी एल्क्ट्रोलाइट्स, पोटैशियम, क्लोराइड व बाईकार्बोनेट का तेजी से ह्रास होता है। ओआरएस व जिंक शरीर में इन तत्वों की कमी को दूर करता है। विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार बच्चों में 24 घंटे के दौरान तीन या उससे अधिक बार पानी जैसा दस्त आना डायरिया के सामान्य लक्षण हैं।
बारिश में बढ़ जाता है डायरिया का खतरा -
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि बारिश का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियों को भी साथ लाता है। इसमें डायरिया प्रमुख है। डायरिया यानी बार-बार दस्त आना की शिकायत कम उम्र के बच्चों के साथ बड़े उम्र के लोगों को भी आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है। ये बीमारी दूषित खाद्य पदार्थ व जल के सेवन से होता है। रोग की वजह से पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेट में मरोड़, उल्टी आना, बुखार व कमजोरी जैसी समस्या होती है। रोग से बचाव के लिये लोगों को ताजा व गर्म भोजन व स्वच्छ पेयजल का प्रयोग में लाना जरूरी होता है। रोग के संभावित खतरों से निपटने के लिये घर में ओआरएस व जिंक की गोली जरूर रखी जानी चाहिये। ।
इन लक्षणों के आधार पर करें डायरिया की पहचान -
दिन में तीन या इससे अधिक बार दस्त आना, पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, पेट में दर्द, हल्का सिरदर्द, हल्का बुखार, चक्कर आना, उल्टी होना रोग के सामान्य लक्षण हैं।
घर पर डायरिया का कुशल प्रबंधन संभव -
एक गिलास पानी में दो चम्मच चीनी के साथ एक चम्मच नमक व नींबू का रस मिलाकर सेवन रोग नियंत्रण के लिहाज से लाभकारी है। नारियल पानी में मौजूद पोषक तत्व डायरिया प्रबंधन में बेहद कारगर है। निर्जलीकरण की समस्या से बचाव के लिये अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन जरूरी है। नियमित अंतराल पर पानी के सेवन की सलाह डायरिया मरीजों को दी जाती है। साथ ही मसालेदार खाना से परहेज रोग प्रबंधन के लिहाज से जरूरी है।